अक्सर विवादों में रहने वाले कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक फोटो ट्विटर पर शेयर कर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरने की कोशिश की है.
बुधवार को झाड़ियों के नीचे खड़ी एम्बुलेंसों की फोटो शेयर करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा, 'ये उत्तर प्रदेश की हालत क्या कर दी योगी जी ने, अखिलेश यादव जी द्वारा चलवाई गई 108 और 102 एंबुलेंस खड़ी जंग खा रही हैं और जनता अपने बीमार परिजनों को ठेलों पर अस्पताल ले जा रही है. वाह योगी जी वाह.' इस तस्वीर को ट्वीट करते ही 400 से ज्यादा बार रीट्वीट की जा चुकी है, जबकि 1000 से ज्यादा लोगों ने लाइक किया और 900 से ज्यादा लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
तो क्या सच में उत्तर प्रदेश में 108 और 102 नंबर की एंबुलेंस गाड़ियां झाड़ियों में खड़ी जंग खा रही है? क्या योगी सरकार ने जनता के लिए उपलब्ध एम्बुलेंस को इस तरह जंग लगाने के लिए छोड़ दिया है? कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के इस दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वायरल टेस्ट करने का फैसला किया.ये उत्तर प्रदेश की हालत क्या कर दी योगी जी ने, अखिलेश यादव जी द्वारा चलवाई गई 108,102 एम्बूलेंस खड़ी जंग खा रही है और जनता अपने बीमार परिजनों को ठेलो पर अस्पताल ले जा रही है॥
#वाह_योगी_जी_वाह#
#बेशरमी_की_भी_हद_होती_है#
रजत यादव pic.twitter.com/zWJr8CugHY
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 3, 2018
इसकी पड़ताल में सबसे पहले यह बात सामने आई कि दिग्विजय सिंह ने जो फोटो ट्विटर पर शेयर की थी, उस पर लिखे शब्द थोड़े धुंधले थे, लेकिन अगर कोई गौर से या ज़ूम करके पढ़े, तो उस पर कुछ तेलुगू भाषा में लिखा नज़र आता है. इसके अलावा तस्वीर को ज़ूम करने पर पता चला कि पहले वाहन पर 'आंध्र प्रदेश सरकार' लिखा दिखा है.
तेलुगु भाषा में 'आंध्र प्रदेश सरकार' शब्द वाहनों की छत पर भी देखे जा सकते हैं. बात और थोड़ा साफ हो इसके लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च विधि का सहारा लिया और पाया कि इस तस्वीर को तेलुगु समाचार पोर्टल Sakshi.com ने अपने वीकेंड बेस्ट पिक्चर सेक्शन में 22 सितंबर को ही अपलोड किया था और कैप्शन दिया था- 'कठिनाइयों के 108 संकट' और फोटो कर्टसी में किशोर, विजयवाड़ा का नाम था और इस पर अपलोड तस्वीर काफी साफ भी दिख रही थी.
वहीं, दिग्विजय सिंह के एम्बुलेंस वाली इस फोटो को ट्वीट करने के कुछ देर बाद ही ट्विटर पर प्रतिक्रिया आने लगी. दिग्विजय सिंह को यूजर्स जमकर भला-बुरा कहने लगे. दिग्विजय सिंह का यह दांव उल्टा पड़ गया और वो पकड़े गए. सोशल मीडिया के और प्लेटफार्म पर भी यूजर्स ने तुरंत गलती पकड़ ली.
दरअसल, एम्बुलेंस पर तेलुगु भाषा में भी कुछ लिखा है, जिसके चलते दिग्विजय सिंह का झूठ पकड़ा गया. लोगों ने जूम तस्वीर के साथ बताया कि यह पूरा मामला आंध्र का है. एक यूजर ने पूछा कि यूपी में कहां खड़ी हैं ये बसें? एक यूजर ने लिखा कि कुछ लोगों ने कसम खा रखी है कि चाहे जितनी बार भी ठोकर खाएं, लेकिन हम नहीं सुधरेंगे.
Fake news by diggi ji 😁
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— Thakur Sachin Pratap Singh (@shishodia94) October 3, 2018
दरअसल इस तस्वीर में दिख रही एम्बुलेंस जीवीके-ईएमआरआई से संबंधित है, जो कि एक एनजीओ है. इस एनजीओ ने पिछले साल आंध्र प्रदेश में 108 आपातकालीन एम्बुलेंस चलाने की सेवाओं को बीवीजी इंडिया-यूके विशेषज्ञ एम्बुलेंस सर्विसेज (यूकेएसएएस) कंसोर्टियम में चलाने के लिए नीलामी की बोली खो दी थी और हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को भी बरकरार रखा था. इसके बाद से ये एम्बुलेंस झाड़ियों के नीचे खड़ी जंग खा रही हैं.
वायरल टेस्ट में यह साफ हो गया कि ये एम्बुलेंस योगी वाली उत्तर प्रदेश सरकार की नहीं, बल्कि आंध्र प्रदेश की हैं.