उत्तराखंड में आफत आने के 8 दिन बाद आखिरकार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी नजर आ ही गए. उत्तराखंड आपदा के समय वहां नहीं जाने के लिए आलोचनाओं का शिकार बने राहुल गांधी आज इस राज्य का दौरा करने जा रहे हैं.
राहुल गांधी अपनी इस यात्रा के दौरान कांग्रेस के राहत कार्यों की निगरानी करने के लिए देहरादून में बनाए गए नियंत्रण कक्ष का भी दौरा करेंगे. साथ ही इस यात्रा के समय उनके प्रभावित लोगों से भी मिलने की संभावना है.
इससे पहले राहुल गांधी ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में उत्तराखंड के बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री से लदी गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
गौरतलब है कि विपक्षी दल खासकर बीजेपी इस प्राकृतिक आपदा के समय राहुल गांधी के अनुपस्थित रहने पर सवाल उठा रहे थे और कांग्रेस के प्रवक्ताओं को पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अपने नेता के बारे में संवाददाताओं के कड़े सवालों का सामना करना पड़ रहा था.
कांग्रेस ने हालांकि इन आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा था कि इस मौके पर महत्वपूर्ण यह है कि राहत एवं बचाव कार्यों के लिए क्या किया जा रहा है.
तबाही पर सियासत
उत्तराखंड आपदा पीड़ितों के लिए राहत समाग्री भेजे जाने
के मौके पर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ राहुल भी मंच पर मौजूद थे. सोनिया ने झंडी दिखाकर राहत सामग्रियों से लदे ट्रकों को रवाना किया.
कांग्रेस मुख्यालय में शीर्ष कांग्रेसी नेता उपस्थित थे जहां सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी ने राहत सामग्री से लदे 24 ट्रकों को हरी झंडी दिखाया. यह उन 125 ट्रकों के अतिरिक्त है जो पहले ही देहरादून भेजे जा चुके हैं.
इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, वित्त मंत्री पी चिदंबरम, सड़क और परिवहन मंत्री ऑस्कर फर्नांडिज और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी और अजय माकन भी मौजूद थे.
अब सवाल यह उठ रहा है कि पीड़ितों को मदद भेजने के लिए जिस तरह के सियासी ताम-झाम का सहारा लिया गया, क्या इस त्रासदी पर कांग्रेस सियासत नहीं कर रही है?
गौर करने वाली बात है कि अब तक कांग्रेस के कई नेता बीजेपी पर उत्तराखंड में आई तबाही के नाम पर सियासत करने का आरोप लगाते रहे हैं. दिग्विजय सिंह से लेकर मनीष तिवारी और सुशील शिंदे से लेकर पृथ्वीराज चव्हाण ने बीजेपी को इस मुद्दे पर घेरा है. इन सभी नेताओं ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर राजनीति करने का आरोप लगाया था.
दरअसल, मीडिया में ऐसी खबरें आईं कि मोदी शुक्रवार को अपनी स्पेशल 'रेस्क्यू टीम' के साथ देहरादून पहुंचे थे और दो दिन में में वे करीब 15 हजार गुजराती श्रद्धालुओं को वहां से बचा ले गए.
दिग्विजय सिंह ने निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि मोदी की किसी तरह की पहल से पहले ही लोग बचाए जा चुके थे पर वे इसका श्रेय खुद ले रहे हैं. तीखा हमला बोलते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा था कि 'फेंकू' अपने काम में लग गया.
वहीं, मनीष तिवारी ने कहा है कि संकट की इस घड़ी में ‘आपदा पर्यटन’ (डिजास्टर टूरिज्म) पर गए किसी व्यक्ति को सस्ती लोकप्रियता हासिल करने से बचना चाहिए.
अब आज जिस तरह से कांग्रेस ने टेंट लगाकर और हरी झंडी दिखाकर राहत सामग्री से लदे ट्रकों को रवाना किया, उसे सियासत नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे.