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उत्तराखंड के गवर्नर अजीज कुरैशी का इस्तीफे से इनकार, मोदी सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

पद से हटाए जाने के दबाव पर उत्तराखंड के राज्यपाल अजीज कुरैशी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. उन्होंने अपनी अर्जी में केंद्र की मोदी सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि गवर्नर जैसे संवैधानिक पद पर बैठे शख्स पर इस्तीफे का दबाव बनाना गलत है.

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पद से हटाए जाने के दबाव पर उत्तराखंड के राज्यपाल अजीज कुरैशी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. उन्होंने अपनी अर्जी में केंद्र की मोदी सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि गवर्नर जैसे संवैधानिक पद पर बैठे शख्स पर इस्तीफे का दबाव बनाना गलत है.

आपको बता दें कि केंद्र में एनडीए सरकार आने के बाद यूपीए सरकार के दौरान नियुक्त किए गए कई राज्‍यपालों पर इस्तीफे का दबाव बनाने की खबरें आईं. इस बाबत केंद्रीय गृह सचिव ने खुद कई पूर्व राज्यपालों को फोन किया. लेकिन गर्वनर अजीज कुरैशी को गृह सचिव और मोदी सरकार का यह रवैया रास न आया. इसलिए वह सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए.

अजीज की याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस आरएम लोढा की बेंच गुरुवार को करेगी. अपनी याचिका में उत्तराखंड के गवर्नर ने गृह सचिव के फोन कॉल को दुस्साहसिक और पद का अपमान बताया है.

उन्होंने संविधान के आर्टिकल 156 (1) का जिक्र करते हुए कहा है कि गर्वनर के तौर पर किसी की नियुक्ति देश के राष्ट्रपति की मर्जी पर होती है. राष्ट्रपति का विश्वास बरकरार रहने पर वह पांच साल तक इस पद पर बना रहता है.

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अजीज ने कहा, 'सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रपति ही उन्हें पद छोड़ने के लिए कह सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी कई बार साफ किया है कि गर्वनर केंद्र सरकार का कर्मचारी नहीं होता.'

आपको बता दें कि मोदी सरकार आने के बाद बीवी वांचू ने गोवा, बीएल जोशी ने यूपी, एमके नारायणन ने पश्चिम बंगाल और शेखर दत्त ने छत्तीसगढ़ के गवर्नर पद से इस्तीफा दिया. वहीं कमला बेनीवाल को मिजोरम की गर्वनर पद से हटाया गया था.

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