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रेलगाड़ियों की मरम्मत के लिए बनाया गया रोबोट उस्ताद

भारतीय रेलवे ने रेलगाड़ियों की देखरेख के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. रेलवे के नागपुर डिविजन की मैकेनिकल ब्रांच में अंडरगियर सर्विलांस थ्रू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस असिस्टेड ड्राइड यानी उस्ताद नाम का एक रोबोट डेवलप किया गया है.

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उस्ताद रोबोट
उस्ताद रोबोट

भारतीय रेलवे ने रेलगाड़ियों की देखरेख के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. रेलवे के नागपुर डिविजन की मैकेनिकल ब्रांच में अंडरगियर सर्विलांस थ्रू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस असिस्टेड ड्राइड यानी उस्ताद नाम का एक रोबोट डेवलप किया गया है. उस्ताद रोबोट की खासियत यह है कि यह ट्रेन के नीचे जाकर रेलगाड़ी के कल पुर्जे की फोटो खींचता है और उसको एनालाइज करके यह बताता है कि दिक्कत कहां पर है.

दरअसल, शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनें जब अपनी डेस्टिनेशन पर पहुंचती हैं तो वहां पर इन ट्रेनों की पूरी जांच की जाती है. इनके नीचे रेलवे कर्मचारी जा कर देखता है कि कहीं पर कोई दिक्कत तो नहीं है. उस्ताद रोबोट अब यही काम करेगा. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक उस्ताद रोबोट में हाई डेफिनेशन कैमरे लगे हैं. साथ ही इन कैमरों की खासियत है कि 320 डिग्री के कोण पर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने में सक्षम हैं.

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इस रोबोट के अंदर पहले से ही प्रोग्रामिंग की हुई है. फोटो खींचने के बाद यह रोबोट खुद ही एनालाइज करता है और अगर इसको कोई दिक्कत दिखती है तो यह अपने कंट्रोल रूम को अलर्ट कर देता है. उस्ताद को अगर यह लगता है कि ट्रेन के किसी हिस्से में कोई परेशानी है तो यह खुद ब खुद उस हिस्से की जूम करके फोटो लेता है और उसको अलर्ट के साथ कंट्रोल रूम में भेज देता है.

कंट्रोल रूम में बैठे हुए इंजीनियर बड़ी आसानी से यह जान सकते हैं कि ट्रेन में दिक्कत कहां पर है. यह रोबोट ट्रेन के ब्रेक गियर और बाल बेरिंग में किसी भी परेशानी को आसानी से समझ सकता है. रेलवे के अफसरों के मुताबिक अभी तक के ट्रायल में यह रोबोट काफी मददगार साबित हुआ है. यह रोबोट उन जगहों पर भी जा सकता है जहां पर इंसान को नीचे घुस कर देखने में काफी दिक्कत होती है.

बीते 18 दिसंबर को मध्य रेलवे के बेतूल स्टेशन पर मध्य रेलवे के जनरल मैनेजर को उस्ताद रोबोट की उस्तादी दिखाई गई, उस्ताद रोबोट की कार्यकुशलता को देखकर मध्य रेलवे के जनरल मैनेजर ने इस रोबोट को डिवेलप करने वाले सीनियर डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर अखिलेश चौबे को नगद पुरस्कार दिया और उनकी काफी तारीफ की.

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जनरल मैनेजर की तरफ से रेलवे बोर्ड को इस रोबोट के बारे में पूरी रिपोर्ट भेजी गई, जिसके बाद रेल मंत्रालय ने उस्ताद रोबोट को और जगहों पर भी लगाने पर विचार किया. अभी शुरुआत में यह तय किया गया है कि उस्ताद रोबोट की कार्यकुशलता पर नजर रखी जाए और आने वाले दिनों में इस तरह के और ज्यादा रोबोट देश के अलग-अलग हिस्सों में लगाए जाएं.

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