भाजपा ने भ्रष्टाचार को लेकर मनमोहन सिंह और उनकी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि जिस तरह एक के बाद एक मंत्री जेल जा रहे हैं या जाने वाले हैं, उससे लगता है कि कहीं निकट भविष्य में कैबिनेट की बैठक तिहाड़ जेल में न हो और घोटालों में प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच करने की जरूरत भी पड़ जाए.
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और अनियमितताओं के आरोप में पद से हटाए गए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की अनुपस्थिति के बीच यहां शुरू हुई पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के उद्घाटन भाषण में भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने यह बात कही.
गडकरी ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के मामलों में प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच करने की भी ज़रूरत पड़ सकती है. अगर ऐसे साक्ष्य आते हैं तो ओहदे की परवाह किए बिना कार्रवाई होनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हर बात पर दो तरह की टिप्पणी करते हैं, ‘मुझे नहीं मालूम’ या ‘मैं देखूंगा’.
उन्होंने कहा, ‘अगर प्रधानमंत्री देश और सरकार के सामने पेश समस्याओं के प्रति इतने ही उदासीन हैं तो वह पद छोड़ क्यों नहीं देते.’ पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद के अनुसार भाजपा अध्यक्ष ने उक्त बातों के साथ यह भी कहा कि देश के मौजूदा हालात में कुछ भी हो सकता है. संप्रग सरकार की साख गिर चुकी है. देश में उसकी विश्वसनीयता खत्म हो गई है और दुनिया में उसके रूतबे को बहुत बड़ा धक्का लगा है.
उन्होंने कहा, ‘अपनी गलतियों के कारण संप्रग नेतृत्व न न सिर्फ अपनी सरकार को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि समूचे राजनीतिक समुदाय को भी बदनाम कर रहा है.’ गडकरी ने इसके साथ ही अपनी पार्टी के लोगों को खबरदार किया, ‘भ्रष्टाचार में शामिल किसी भी व्यक्ति के लिए भाजपा में कोई जगह नहीं है. भ्रष्टाचार के मामले में हम ‘ज़ीरो टॉलरेन्स’ की नीति अपना रहे हैं.’
2जी घोटाला मामले में चिदंबरम को जेल भेजे जाने की बात कहते हुए गडकरी ने कहा, ‘राजा तिहाड़ में और चिदंबरम बाहर क्यों हैं? यह दर्शाता है कि एक ही घोटाले में दो पैमाने अपनाए जा रहे हैं. इस घोटाले में चिदंबरम की सहअपराधिता के साक्ष्यों के अंबार होने के बावजूद उनके विरूद्ध कार्रवाई नहीं हो रही है. सीबीआई को उनसे पूछताछ तक नहीं करने दी जा रही है.
अगले साल विधानसभा चुनाव का सामना करने जा रहे उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आ सकने का दावा करते हुए उन्होंने ऐलान किया कि राज्य में उनकी पार्टी सपा या बसपा से किसी स्थिति में समझौता या गठबंधन नहीं करेगी. उन्होंने कहा, ‘इन दोनों दलों से गठबंधन करने की बजाये भाजपा विपक्ष में बैठना पंसद करेगी.’
मोदी और आडवाणी में नाराज़गी की खबरों के बीच गडकरी ने आडवाणी की जम कर तारीफ की और सभी पार्टीजन से उनकी रथयात्रा को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग देने को कहा. उल्लेखनीय है कि आडवाणी की यह यात्रा पहले गुजरात से निकलने वाली थी जिसे मोदी को हरी झंडी दिखाना था. लेकिन बाद में कार्यक्रम बदल गया और अब यह बिहार से निकलेगी जिसे वहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हरी झंडी दिखाएंगे.
आडवाणी के बारे में उन्होंने कहा कि भाजपा के इस वरिष्ठ नेता ने ‘छद्म धर्मनिपरेक्षता’ का नया मुहावरा गढ़ा और ‘सबको न्याय, पर तुष्टिकरण किसी का नहीं’ जैसे नारे देकर बहुत प्रभावशाली तरीके से समूची देशभक्त जनता की पीड़ा एवं आकांक्षाओं को अभिव्यक्त किया.’
सरकार की बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) की नयी परिभाषा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि आम आदमी का रोना रोने वाली इस सरकार ने शहरों में 32 और गांवों में 26 रुपए प्रतिदिन कमाने वालों को ‘अमीर’ बता कर आंकड़ों की राजनीति की है. ‘ऐसा करके वह गरीबी रेखा के नीचे वालों को बीपीए में शामिल करने की बजाए यह उसमें पहले से शामिल लोगों को बाहर करने पर तुली है.’