16 जनवरी को देश भर में 3,000 परदों पर उनकी पहली फिल्म एमएसजी (मैसेंजर ऑफ गॉड) रिलीज हो रही है. एक बाबा होने के साथ इस असाधारण काम को अंजाम देने जा रहे हैं 47 वर्षीय गुरमीत राम रहीम सिंह . जिन्हें योगी, सामाजिक कार्यकर्ता और उनके नेतृत्व में चल रहा बहुधर्मी संप्रदाय- डेरा सच्चा सौदा- एक ‘सूफी अंदाज वाले संत’ के रूप में पेश करता है. लेकिन देश और विदेशों में 5 करोड़ से अधिक अनुयायी उन्हें ‘साक्षात भगवान’ मानते हैं.
मुख्य अभिनेता, सह-निदेशक, गीतकार, पार्श्व गायक, फिल्म के सेट और कॉस्ट्यूम डिजाइनर गुरमीत राम रहीम सिंह ने फिल्म में खुद को एक विराट महानायक के रूप में पेश किया है, ऐसे असंभव स्टंट किए हैं, जो शायद दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत को भी अपनी किंवदंती बन चुकी फिल्मी हरकतों पर नए सिरे से विचार करने के लिए बाध्य कर दें.
सीबीआई जांच
उनके समर्थकों के समूह के बाहर के अधिकांश लोग उन्हें संभवतः पाखंडी बाबा ज्यादा मानेंगे, जिस पर अनेक तरह के अत्याचारों के आरोप हैं. इनमें यौन उत्पीड़न, रेप, हत्या के दो मामले, और हाल ही में 23 दिसंबर को, समर्थकों का जबरन बधिया करने के आरोपों पर अदालत के आदेश पर शुरू की गई सीबीआइ जांच भी शामिल हैं.
डेरे के मुख्य प्रवक्ता आदित्य इनसान कहते हैं कि ‘13 वर्ष बाद भी सीबीआई अभी तक यह पता लगाने के लिए जूझ रही है कि यौन दुराचार का आरोप लगाने वाला पहला पत्र (2002 में) कहां से भेजा गया था.’
राम रहीम सिंह जोर देकर कहते हैं कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं. वे शराब और मादक द्रव्यों के गिरोहों और उनके राजनैतिक आकाओं के ‘षड्यंत्र’ की तरफ इशारा करते हैं, जो, उनके अनुसार, डेरा सच्चा सौदा के शराब और नशीले पदार्थों के खिलाफ चलाए अभियानों के परिणामस्वरूप अपना धंधा खो रहे हैं.
बाबा और गीत संगीत
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के भूस्वामी जाट सिख दंपती मगहर सिंह और नसीब कौर की एकमात्र संतान गुरमीत सिंह को डेरे का नेतृत्व विरासत में तब मिला, जब उसके वयोवृद्ध प्रमुख शाह सतनाम सिंह ने 1990 में गद्दी उन्हें सौंप दी. गुरमीत सिंह के नेतृत्व में डेरा समर्थकों की संख्या करीब दस लाख से 50 गुना से अधिक बढ़ गई.
इनसान का दावा है कि ‘गुरुजी के लगभग 70 फीसदी अनुयायी युवा हैं, जिन्होंने मादक द्रव्यों, मांसाहार और अनैतिकता को त्यागने का फैसला किया है.’ गीत और नृत्य के साथ राम रहीम सिंह का रिश्ता तीन वर्ष पहले तब शुरू हुआ जब उन्होंने अपना पहला रू-ब-रू रॉक सेशन का मंचन अक्तूबर 2011 में किया था. एक महीने पहले तक वे हरियाणा के सिरसा के बाहरी इलाके में अपने मुख्यालय से लेकर दिल्ली, मुंबई और अपने गृह राज्य राजस्थान में कई स्थानों पर 102 संगीत समारोहों में प्रस्तुति दे चुके थे.
डेरा प्रबंधकों का दावा है कि हर कंसर्ट में एक लाख से अधिक उत्साही प्रशंसक शामिल होते थे. इतना ही नहीं, इनसान गर्व से बताते हैं, ‘गुरुजी अपने गीत स्वयं लिखते हैं और सभी 1,000 गीतों के संगीत की धुन भी खुद बनाई है.’
डेरा और राजनीति
जाहिर है, तेजी से फैलते डेरा सच्चा सौदा समुदाय ने, जिसका पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में काफी असर है, इतने बरसों में हर तरह के नेताओं को राम रहीम सिंह के दरवाजे पर ला खड़ा किया है, प्रत्येक नेता उनका आशीर्वाद मांगता है, और हर चुनाव से पहले उनका कृपापात्र बनना चाहता है.
हालांकि डेरा प्रमुख जोर देकर कहते हैं कि उन्होंने कभी भी किसी विशेष नेता या राजनैतिक पार्टी के पक्ष में वोट करने के लिए अपने अनुयायियों को निर्देशित नहीं किया है. इसके बावजूद डेरे की राजनैतिक शाखा-साध संगत-हमेशा ही किसी भी विधानसभा या लोकसभा चुनाव के पहले पसंदीदा राजनैतिक दिशा का एक स्पष्ट संकेत भेजती है.
इसी तरह, इस वर्ष हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटिंग के बस चंद दिन पहले, डेरा सच्चा सौदा की राजनैतिक शाखा ने बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा की. ऐसा तब हुआ, जब पार्टी के हरियाणा चुनाव प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने बीजेपी के 40 उम्मीदवारों के साथ डेरा प्रमुख से मुलाकात की.
यह भी महत्वपूर्ण है कि भगवा पार्टी को समर्थन करने के फैसले के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नारनौंद में एक चुनाव भाषण के दौरान डेरा सच्चा सौदा के सफाई अभियानों की सार्वजनिक तौर पर प्रशंसा की थी. राम रहीम सिंह कहते हैं, 'लेकिन हम हमेशा उन लोगों के साथ रहे हैं, जो सफाई और सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध होते हैं.’