राष्ट्रीय सुरक्षा पर आजतक के मंच पर चल रहे कार्यक्रम में राफेल डील का मुद्दा भी सामने आया. इस दौरान बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगे. केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस राज में रक्षा सौदे में लेटलतीफी की वजह कमीशनखोरी थी.
आजतक सुरक्षा सभा में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने आजतक के मंच से ही कहा था कि यूपीए सरकार ने वायुसेना, नौसेना और थल सेना की जरूरत की अनदेखी की. जावड़ेकर ने कहा, "अटल जी की सरकार ने फैसला किया था कि वायुसेना को फाइटर प्लेन चाहिए, 2004 तक उसका डिटेल तैयार हुआ, 2007 में टेंडर निकाले गए, इसमें तीन साल लगे...2012 में पांच साल गंवाने के बाद टेंडर फाइनल हुआ कि राफेल लेना है, लेकिन हमने इसके लिए विवाद नहीं किया...हम चाहते थे कि इसे जल्दी खरीदा जाए. उसी समय फाइल पर मजेदार नोटिंग हुई."
केंद्रीय मंत्री ने कहा पूर्व रक्षा मंत्री एंटनी ने फाइल पर लिखा, "राफेल विमान हम खरीदेंगे, लेकिन इस विमान को हम कैसे खरीदेंगे लेकिन इस विमान को खरीदने की प्रक्रिया कैसे तय हुई इसकी हम जांच करेंगे. इस कारण लंबी प्रक्रिया चली...10 साल खोखला हो गया और राफेल आजतक नहीं आया."
राफेल मामले पर @PrakashJavdekar ने किया सरकार का बचाव, @ManishTewari ने किया पलटवार. @anjanaomkashyap#AajTakSurakshaSabha लाइव https://t.co/VMCOOUusrK pic.twitter.com/vF1z9PwZYl
— आज तक (@aajtak) March 12, 2019
जावड़ेकर के आरोपों का जवाब देते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि संसद की प्राक्कलन समिति के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी हैं. इस कमेटी ने रिपोर्ट जारी कर कहा कि पिछले साल में राष्ट्रीय सुरक्षा पर जो खर्चा अभी है वो उसी स्तर पर है जो 1962 में था. जावड़ेकर को उनकी रिपोर्ट देखनी चाहिए. मनीष तिवारी ने आगे कहा कि सुरक्षा की स्थायी समिति के चेयरमैन बीसी खंडूरी हैं जो कि बीजेपी के ही सदस्य हैं. मनीष तिवारी के मुताबिक खंडूरी ने कहा है कि पिछले चार वर्ष में एक बहुत ही संयोजित तरीके से राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर किया जा रहा है. ये दोनों ही कमेटी कांग्रेस के नहीं है. इसमें बीजेपी के सदस्य प्रमुखता से हैं. इन कमेटियों की रिपोर्ट को पढ़ने से पता चलेगा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर किसने किया.
मनीष तिवारी ने कहा कि अगर ये सरकार पूर्व रक्षा मंत्री एंटनी जी की नोटिंग को देख लेती, उस प्रक्रिया की जांच कर लेती तो 2014 में ही राफेल आ जाता. लेकिन आपने 126 जहाज की खरीद की प्रक्रिया को रद्दकर 36 कर दिया. इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान अगर किसी ने किया है तो वो बीजेपी ने किया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री के आरोपों का जवाब देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दुनिया में रक्षा सौदे की प्रक्रिया पर इस तरह से नोटिंग कहीं नहीं की जाती है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में राफेल को चुनने पर सहमति हो गई, लेकिन राफेल को चुना कैसे गया इसकी जांच की बात कह दी गई. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "किस चीज की राह देखी जा रही थी, क्यों सौदा टाला जा रहा था...क्या कमीशन का मुद्दा था...इसलिए कांग्रेस के जमाने में रक्षा सौदे में जो लेट-लतीफी हुई उसका एक बड़ा कारण कमीशनखोरी थी."
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि अगस्ता हेलिकॉप्टर डील में मिशेल से पूछताछ में जो चीजें सामने आ रही है वह भी चौकाने वाले तथ्यों की ओर इशारा कर रही है. इसलिए लेटलतीफी के बारे में पूछना देश का अधिकार है. केन्द्रीय मंत्री ने मनीष तिवारी से पूछा कि ये उनसे किसने कहा कि 36 राफेल विमान ही खरीदेंगे.