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ई-सिगरेट बनाने और बेचने पर कितनी मिलेगी सजा, कितना लगेगा जुर्माना

ई-सिगरेटों को बनाते और बेचते पहली बार पकड़े जाने पर एक वर्ष तक की जेल और एक लाख रुपये तक जुर्माने की सजा मिल सकती है. इसके बाद इस अपराध को दोहराने पर तीन वर्ष तक की जेल और पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है.

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ई-सिगरेट पर पूरी तरह लगी रोक
ई-सिगरेट पर पूरी तरह लगी रोक

  • ई-सिगरेट बनाने या बेचने पर पहली बार एक साल की जेल व एक लाख जुर्माना
  • दूसरी बार ई-सिगरेट बनाने या बेचने पर 3 साल की जेल और 5 लाख का जुर्माना

मोदी सरकार ने इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेट को पूरी तरह से बैन करने का फैसला लिया है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेट (उत्‍पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) निषेध अध्‍यादेश-2019 की घोषणा को मंजूरी दे दी. इसके तहत गर्म होने वाले (हिट नॉट बर्न) उत्‍पाद, ई-हुक्‍का समेत सभी इलेक्‍ट्रॉनिक निकोटिन डिलिवरी सिस्‍टम को बैन किया गया है.

अध्‍यादेश जारी होने के बाद ई-सिगरेटों का किसी प्रकार उत्‍पादन, विनिर्माण, इम्पोर्ट, एक्सपोर्ट, परिवहन, विक्रय (ऑनलाइन और ऑफलाइन विक्रय), वितरण और विज्ञापन (ऑनलाइन विज्ञापन सहित) एक संज्ञेय अपराध माना जाएगा. ऐसा पहली बार करने पर एक वर्ष तक की जेल और एक लाख रुपये तक जुर्माने की सजा मिल सकती है. इसके बाद इस अपराध को दोहराने पर तीन वर्ष तक की जेल और पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है.

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इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेटों के भंडारण के लिए भी 6 माह तक की जेल और 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. अध्‍यादेश लागू होने के दिन के बाद अगर किसी के पास ई-सिगरेट हैं, तो उसको निकटवर्ती पुलिस थाने में जमा कराना होगा. पुलिस उप निरीक्षक को अध्‍यादेश के तहत कार्रवाई करने के लिए अधिकृत अधिकारी के रूप में निर्धारित किया गया है.

अध्‍यादेश के प्रावधानों को लागू करने के लिए केंद्र और राज्‍य सरकार किसी अन्‍य समकक्ष अधिकारी को अधिकृत अधिकारी के रूप में निर्धारित कर सकती हैं. ई-सिगरेटों के बैन करने से लोगों को विशेषकर युवाओं और बच्‍चों को ई-सिगरेटों के व्‍यसन के जोखिम से बचाने में मदद मिलेगी.

अध्‍यादेश के लागू होने से सरकार द्वारा तंबाकू नियंत्रण के प्रयासों को बल मिलेगा और तंबाकू के इस्‍तेमाल में कमी लाने में मदद मिलेगी. साथ ही इससे जुड़़े आर्थिक बोझ और बीमारियों में भी कमी आएगी.

आपको बता दें कि ई-सिगरेटों को बैन करने को लेकर केंद्र सरकार ने 2018 में सभी राज्‍यों के लिए एक चेतावनी जारी की गई थी, जिसके बाद अब इसका निर्णय लिया गया है. पहले ही 16 राज्‍यों और एक केंद्रशासित प्रदेश ने अपने क्षेत्राधिकारों में ई-सिगरेटों को बैन कर रखा है.

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इसके अलावा हाल ही में जारी एक श्‍वेत-पत्र में भारतीय चिकित्‍सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भी ई-सिगरेटों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की अनुशंसा की थी. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने भी सदस्‍य देशों से मांग की है कि इन उत्‍पादों को प्रतिबंधित करने सहित समुचित उपाय किए जाएं.

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