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जश्न से पहले BJP मुख्यालय में इतना सन्नाटा क्यों है भाई?

शायद कम होती उम्मीदें और उत्साह के फीकेपन को पाटने के लिए ही बीजेपी ने अपने दो वर्षों का रिपोर्ट कार्ड जनता तक पहुंचाने के लिए लंबा-चौड़ा प्लान बनाया है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

दो साल पहले 16 मई के दिन बीजेपी के अशोक रोड मुख्यालय पर जश्न का माहौल था. तब हर कार्यकर्ता और आम आदमी के मन में एक उम्मीद थी. लेकिन दो साल बाद नजारा बिलकुल बदला हुआ है. पार्टी मुख्यालय में 16 मई को न तो कोई कार्यकर्ता है और ना ही कोई नेता. सन्नाटा बता रहा है की इन दो वर्षों ने लोगों को काफी कुछ बता दिया है, लिहाजा उम्मीदें कम हो गई हैं और उत्साह भी.

शायद कम होती उम्मीदें और उत्साह के फीकेपन को पाटने के लिए ही बीजेपी ने अपने दो वर्षों का रिपोर्ट कार्ड जनता तक पहुंचाने के लिए लंबा-चौड़ा प्लान बनाया है. 26 मई यानी वो दिन जब नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री के तौर पर ताजपोशी हुई थी, से लेकर 15 दिनों तक पार्टी के सांसद, मंत्री और पदाधिकारी 200 से ज्यादा जगहों पर जाकर सरकार के काम का बखान करेंगे.

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जहां सांसद नहीं, वहां पूर्व सांसद जमाएंगे डेरा
इसके तहत सरकार ने जो योजनाएं बनाई हैं, वो बताई जाएंगी. खास बात यह है कि जो काम सरकार नहीं कर पाई, उसके पीछे की नाकामी की वजह भी सरकार जनता को बताएगी. यही नहीं, जिन क्षेत्रों में पार्टी के सांसद नहीं हैं, वहां पूर्व सांसद डेरा जमाएंगे. तमाम सांसदों को हिदायत दी गई है कि वो सिर्फ अपने इलाकों में जाकर खानापूर्ति ना करें, बल्कि रात में रूककर भी लोगों से संपर्क साधे.

प्रवक्ताओं की लगेगी क्लास
इससे पहले 21 मई को पार्टी के आला नेता बीजेपी दफ्तर में देशभर के प्रवक्ताओं और पधाधिकारियों के साथ वर्कशॉप करेंगे. अमित शाह से लेकर अरुण जेटली, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी तक सभी नेता बताएंगे कि किस तरह सरकार के सकारात्मक काम का बखान किया जाए और किन मुद्दों पर नाकामी का ठीकरा विपक्ष के सिर फोड़ा जाए.

आईटी सेल से बात करेंगे अमित शाह
इसी क्रम में 22 मई को सोशल मीडिया और आईटी सेल के वॉलंटियर्स की क्लास खुद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह लेंगे. इसके अलावा देश भर में पिछले साल की तरह केंद्रीय मंत्री प्रेस कांफ्रेंस करेंगे. लेकिन इस बार जेएनयू घटना का असर ये हुआ कि मंत्री विश्वविद्यालय में छात्रों से भी रूबरू होंगे.

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