आपात स्थितियों में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी अहम जानकारियां देकर ट्विटर जीवनरक्षक की भूमिका भी निभा सकता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ पेनिसिलवानिया के अनुसंधानकर्ताओं ने ट्विटर पर होने वाले स्वास्थ्य संबंधी चर्चाओं का महीने भर से ज्यादा अध्ययन किया. उन्होंने पाया कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर अहम बीमारियों से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों पर चर्चा होती है.
ट्विटर कार्डियोपल्मनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और ऑटोमेडेट एक्सटरनल डिफिब्रिलेटर्स (एईडी) पर अक्सर अहम चर्चाओं का मंच बना.
सीपीआर दिल के दौरे के वक्त दिमाग को क्रियाशील बनाये रखने की प्रक्रिया है. एईडी हृदय की जानलेवा स्थितियों के इलाज करने का यंत्र है.
एमर्जेंसी मेडिसीन के सहायक प्रोफेसर रैना मर्चेंट ने कहा, ‘ट्विटर लोगों को जोड़ने और उन्हें जागरूक करने का एक अविश्वसनीय स्रोत है. यह उपयोगकर्ताओं को त्वरित फीडबैक और सूचना पाने का रास्ता देता है. दिल के दौरे में सोशल मीडिया का संभावित इस्तेमाल बेहद व्यापक है.’