लोकसभा में तीन तलाक बिल पास कराने के बाद केंद्र सरकार अब राज्यसभा में इसे पास कराने की जद्दोजहद में जुटी है, लेकिन बुधवार का दिन सदन में हंगामे की भेंट चढ़ गया और सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करने के बाद गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. एआईएडीएमके के सांसदों के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही में बार-बार बाधा पड़ती रही.
इससे पहले बुधवार को एक बार फिर राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा होनी थी. बीते शुक्रवार को विपक्ष के हंगामे के कारण बिल पर चर्चा तक नहीं हो पाई थी. राज्यसभा में एनडीए सरकार के पास बहुमत नहीं है, यही कारण है कि संसद के ऊपरी सदन में सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.
कांग्रेस समेत अन्य सभी विपक्षी पार्टियों की मांग है कि तीन तलाक बिल को संसद की सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए, जहां पर इसमें संशोधन होगा. इस बारे में शुक्रवार को कांग्रेस, सपा, टीएमसी समेत कुल 12 विपक्षी दलों ने राज्यसभा सभापति को प्रस्ताव भेजा था. इसी मुद्दे को लेकर विपक्ष आक्रामक भी है. हालांकि, सरकार इस पर सीधे चर्चा और वोटिंग के पक्ष में है. बुधवार को संसद में आज तीन तलाक बिल के अलावा अन्य कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी थी जिसमें राज्यसभा में किसानों का मुद्दा और लोकसभा मे राफेल डील पर बहस अहम है.
आपको बता दें कि राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं है, जबकि विपक्ष के पास बहुमत से भी अधिक आंकड़ा है. NDA के पक्ष में सिर्फ 90 सदस्य हैं, जिनमें BJP के 73, निर्दलीय + मनोनीत 7, शिवसेना के 3, अकाली दल के 3, पूर्वोत्तर की पार्टियों की तीन (बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट+सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट+नागा पीपल्स फ्रंट) और आरपीआई के 1 सांसद हैं.
विपक्ष का पलड़ा संख्याबल के मामले में सरकार पर भारी है. विपक्ष के पास 145 सांसद हैं, जिसमें कांग्रेस के 50, TMC के 13, समाजवादी पार्टी के 13, AIADMK के 13, BJD के 9, TDP के 6, RJD के 5, CPM के 5, DMK के 4, BSP के 4, NCP के 4, आम आदमी पार्टी के 3, CPI के 2, JDS के 1, केरल कांग्रेस (मनी) के 1, आईएनएलडी के 1, आईयूएमएल के 1, 1 निर्दलीय और 1 नामित सदस्य शामिल हैं.