आधार की सुरक्षा पर बहस रुकने का नाम नहीं ले रही. एक दिन पहले ही ट्राई चेयरमेन ने अपना आधार नंबर सार्वजनिक करते हुए चुनौती दी थी कि कोई उनके आधार नंबर के जरिए उन्हें किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाकर दिखाए. अब एक हैकर ने उन्हें नुकसान तो नहीं पहुंचाया, लेकिन उनके एक बैंक खाते में एक रुपए ट्रांसफर कर दिया.
हैकर ने बकायदा इसका स्क्रीन शॉट शेयर किया है. इसमें ट्रांजैक्शन आई डी के साथ-साथ पैसे भेजने का दिन और समय (28 जुलाई को शाम 7 बजकर 27 मिनट) भी बताया है. गौरतलब है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने हाल ही में माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर और मीडिया के एक खेमे के उन दावों को खारिज कर दिया था जिसमें ट्राई प्रमुख राम सेवक शर्मा की व्यक्तिगत सूचना में सेंध लगाने की बात कही गई है.

यूआईडीएआई ने रविवार को जारी बयान में कहा कि ट्विटर पर जो लोग 'आधार सर्वर' से आर एस शर्मा की निजी सूचना हासिल करने का दावा कर रहे हैं, वह गलत है. वैसे भी दशकों से सेवारत एक लोक सेवक की सभी सूचना सार्जनिक हैं, जिन्हें गूगल और अन्य साइटों पर आसानी से खंगाला जा सकता है.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के प्रमुख आर.एस.शर्मा ने शनिवार को ट्विटर पर अपना 12 अंकों की आधार संख्या सार्वजनिक कर चुनौती दी थी कि कोई भी इसके जरिये उनका नुकसान करके दिखाए. इसके बाद विभिन्न यूजरों ने उनकी निजी जानकारियों में सेंध लगाने का दावा किया. खुद को फ्रांस का एक सुरक्षा विशेषज्ञ बताने वाले एक यूजर ने शर्मा का मोबाइल नंबर से लेकर पैन संख्या तक सार्वजनिक करने का दावा किया.My Aadhaar number is 7621 7768 2740
Now I give this challenge to you: Show me one concrete example where you can do any harm to me!
— RS Sharma (@rssharma3) July 28, 2018
आधार में सेंध लगाने की चुनौती
हालांकि ट्विटर पर आधार में सेंध लगाने की सार्वजनिक चुनौती देकर फजीहत झेल चुके ट्राई प्रमुख ने बाद में कहा कि उन्होंने यह चुनौती ट्राई प्रमुख के तौर पर नहीं बल्कि आम नागरिक की हैसियत से दी थी. शर्मा ने एक यूजर को जवाब देते हुए कहा, 'यह समझिये कि मैंने यह चुनौती ट्राई चेयरमैन के नाते नहीं बल्कि भारत के एक सामान्य नागरिक की तरह दी है.'
खुद को इलियट एंडरसन बताने वाले फ्रांसीसी नागरिक ने @fs0c131y हैंडल से शर्मा की चुनौती को जवाब देते हुए कहा, 'लोग आपके घर का पता, जन्मदिन और वैकल्पिक मोबाइल नंबर निकाल सकते हैं. मैं यहीं पर छोड़ देता हूं. मुझे उम्मीद है, इतने से आपको समझ आ जाएगा कि आधार संख्या सार्वजनिक करना ठीक नहीं है.'
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हालांकि, शर्मा ने अपनी बात पर अड़े रहते हुए लिखा, 'ये जानकारियां कोई सरकारी गोपनीय सूचनाएं नहीं हैं.' उन्होंने कहा कि चुनौती केवल फोन नंबर और दूसरी सूचनाओं को लेकर ही नहीं थी बल्कि उनके आधार नंबर की जानकारी के आधार पर कोई नुकसान पहुंचने को लेकर थी. शर्मा ने लिखा, 'मैंने उन्हें फोन नंबर और दूसरी सूचनाओं के लिए चुनौती नहीं दी थी. मेरी चुनौती मुझे कोई नुकसान पहुंचाने के लिए थी. अब तक इसमें कोई सफलता उन्हें नहीं मिली. मेरी शुभकामनायें उनके साथ हैं.'
बता दें कि शर्मा पहले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के महानिदेशक रह चुके हैं और आधार प्रणाली के कट्टर समर्थक हैं. वहीं खुद को फ्रांस का सुरक्षा विशेषज्ञ बताने वाला यूजर लगातार आधार प्रणाली की खामियों की आलोचना करता रहा है. वह पहले भी आधार में सेंध लगा चुका है.