छह दशकों में पहली बार भारतीय वाहनों के नियंत्रण रेखा पारकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में दाखिल होने के साथ ही मंगलवार को दोनों ओर से न केवल व्यापार शुरू हुआ बल्कि दोनों देश एक दूसरे के थोड़े और करीब भी आ गए.
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा ने उत्तरी कश्मीर के सलामाबाद उड़ी में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद के लिए वाहनों के काफिले को हरी झंडी दिखाई जबकि पुंछ-रावलकोट मार्ग पर व्यापार शुरू करने के लिए वाहनों के काफिले को वोहरा के सलाहकार एच एच तैय्यबजी ने रवाना किया. राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आचार संहिता लागू हो जाने के कारण किसी भी राजनीतिक हस्ती को इन व्यापार मार्गों के उद्घाटन की इजाजत नहीं दी गई थी.
सीमा पार जाने वाली मुजफ्फाराबाद-श्रीनगर सड़क पर ट्रकों को देखने आए लोगों ने हाथ हिलाकर उनका स्वागत किया. श्रीनगर आए पहले 14 ट्रकों में चावल, अदरक, मसाले, मेवा, प्याज और मशहूर पेशावरी जूते शामिल हैं, वहीं श्रीनगर से मुजफ्फाराबाद भेजे गए ट्रक मंगलवार शाम को पहुंचेगे. दोनों देश कुल 21 चीजों का आदान-प्रदान करेंगे, जिसका उत्पादन और निर्माण स्थानीय जगहों पर होता है. सीमा पार से श्रीनगर सामान भेजने वाले एक व्यापारी सूफी हबीब ने कहा कि शुरुआत में इन चीजों को केवल कश्मीर घाटी तक सीमित रखा गया है लेकिन बाद में इसे आगे बढ़ाया जाएगा.