लोकसभा चुनाव के बाद कुछ राजनीतिक दलों पर गाज गिरने वाली है. चुनाव आयोग इनकी राष्ट्रीय मान्यता खत्म करने की तैयारी में है. ये तीन पार्टियां हैं, सीपीआई, बीएसपी और एनसीपी. एक अंग्रेजी समाचार पत्र ने यह जानकारी दी है.
पत्र के मुताबिक दो हफ्ते पहले चुनाव आयोग ने इन पार्टियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा था कि लोक सभा चुनाव में उनकी हार के बाद क्यों न उनकी राष्ट्रीय पार्टियों की मान्यता रद्द कर दी जाए. चुनाव आयोग द्वारा रखे गए मानकों के मुताबिक किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए जरूरी है कि उसे चार राज्यों में कम से कम 6 प्रतिशत वोट मिले हों या तीन राज्यों में लोक सभा चुनाव में कम से कम 2 प्रतिशत सीटें मिली हों. इनके अतिरिक्त एक और आधार है और वह यह कि पार्टी को चार राज्यों में मान्यता मिली हुई हो.
आयोग ने इन पार्टियों को 27 जून तक का समय दिया था कि वे अपनी स्थिति स्पष्ट करें और चुनाव आयुक्त से मिलने का समय लें. पार्टियों ने क्या जवाब दिया है, यह अभी पता नहीं चला है. आयोग के नियमों के मुताबिक अगर ये पार्टियां राष्ट्रीय पार्टियों का दर्जा खो देंगी तो इनका चुनाव चिन्ह छिन जाएगा. यानी यह खास तौर पर उनके लिए रिजर्व नहीं रहेगा. कोई भी पार्टी या व्यक्ति पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर उनके चिन्ह को ले सकेगी.
इसके अलावा भी कुछ छोटी-मोटी सुविधाएं हैं जो ऐसी पार्टियों को मिलती हैं, वे भी छिन जाएंगी. 2010 में लालू यादव की पार्टी की राष्ट्रीय मान्यता छिन चुकी है. उस समय जेडी (यू) और सपा की भी मान्यता छीन ली थी.