सीपीआई ने केंद्र और राज्य सरकारों से माओवादियों पर से प्रतिबंध हटाने का आह्वान करते हुए उनसे बातचीत की अपील की है. सीपीआई ने आर्थिक अपराध और सांप्रदायिक हिंसा को समाज के लिए वाम दल अतिवाद से ज्यादा नुकसानदेह बताया है.
सीपीआई राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के. नारायण ने यहां संवाददाताओं से कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार वामपंथ अतिवाद को कानून व्यवस्था की समस्या मानकर रूख अपना रही है बजाए इसके कि यह एक सामाजिक आर्थिक समस्या है.
उन्होंने कहा, देश भर में व्याप्त आर्थिक अपराध और सांप्रदायिक हिंसा वाम अतिवाद की तुलना में ज्यादा खतरनाक है. गोली के लिए गोली थ्योरी ने कुछ राज्यों में कई जगहों पर अशांति उत्पन्न कर दी है. इसलिए, केंद्र और राज्य सरकारों को माओवादियों पर से प्रतिबंध हटाना चाहिए.
गौरतलब है कि सीपीआई नेता का यह बयान ऐसे समय आया है जब केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि नक्सलियों से बातचीत नहीं होगी.