scorecardresearch
 

इंदौर: बालिका वधू बनने से बचीं तीन लड़कियां

इंदौर में प्रशासन के वक्त रहते हरकत में आने से तीन नाबालिग लड़कियां बालिका वधू बनने से बच गईं. तीनों लड़कियों की शादी इसी महीने होने वाली थी.

Advertisement
X
Symbolic Image
Symbolic Image

इंदौर में प्रशासन के वक्त रहते हरकत में आने से तीन नाबालिग लड़कियां बालिका वधू बनने से बच गईं. तीनों लड़कियों की शादी इसी महीने होने वाली थी.

जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी संजय भारद्वाज ने बताया कि बाल विवाह की सूचना पर विभाग की टीम ने गोविंद नगर में पूजा प्रजापति (16) और दिव्या नैनीवाल (17) और गंगाधाम कॉलोनी में सपना भाटिया (15) के परिजनों को चेतावनी देकर उनके बाल विवाह रुकवा दिए. इन नाबालिग लड़कियों की शादी अलग-अलग समारोहों में क्रमश 21 अप्रैल, 25 अप्रैल और 30 अप्रैल को होने वाली थी.

भारद्वाज ने बताया कि तीनों नाबलिग लड़कियों के परिजन से हलफनामे लिये गए कि वे अपनी बेटियों को तब तक शादी के बंधन में नहीं बांधेंगे, जब तक वे पूरे 18 साल की नहीं हो जातीं.

देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है, जो कानूनन अपराध है. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है.

Advertisement

-इनपुट भाषा से

Advertisement
Advertisement