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जिन्‍ना पर जसवंत से पार्टी सहमत नहीं: राजनाथ सिंह

जसवंत सिंह की किताब 'जिन्ना इंडिया पार्टीशन इंडिपेंडेंस'  को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रही है. भाजपा अध्‍यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा है कि जिन्‍ना पर जसवंत से पार्टी सहमत नहीं है.

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जसवंस सिंह की जिन्ना पर किताब पर विवाद बढता ही जा रहा है. सुषमा स्वराज और फिर राजनाथ सिंह के जसवंत सिंह की टिप्पणी से पार्टी को अलग करने के बाद पार्टी नेता विनय कटियार ने जसवंत सिंह पर हमला बोलते हुए कहा है कि जसवंत सिंह को जिन्ना हाउस में रहने चले जाना चाहिए.

जसवंत ने जिन्‍ना को सच्‍चा राष्‍ट्रवादी बताया
इसके पहले राजनाथ सिंह ने जसवंत के विचारों से पार्टी को अलग करने की बात कही थी. दरअसल जसवंत सिंह ने अपनी किताब जिन्ना,इंडिया पार्टीशन, इंडीपेंडेंस में में जिन्ना को सच्चा राष्ट्रवादी बताया था और विभाजन के लिए नेहरु के साथ-साथ सरदार पटेल को भी जिम्मेदार ठहराया था. इस बीच आरएसएस के नेता राम माधव ने भी जसवंत सिंह पर निशाना साधते हुए कहा है कि जिन्‍ना ही बंटवारे के लिए जिम्‍मेदार हैं.

जसवंत सिंह पर बरसे बाल ठाकरे
इससे पहले जसवंत की किताब को लेकर बाल ठाकरे ने जसवंत सिंह समेत पूरी बीजेपी को लपेटे में ले लिया है. शिवसेना के मुखपत्र सामना में बाला साहेब ने इसी विषय पर संपादकीय लिखा है. लेख में कहा गया है कि बीजेपी नेता ना जाने क्यों जिन्ना के मसले पर बार-बार फ़िसल जाते हैं. जिन्ना को श्रद्धा सुमन चढ़ाने के लिए बीजेपी नेताओं में होड़ लगी हुई है.

मुसलमानों को मिला है बराबरी का अधिकार
ठाकरे ने लिखा है कि आडवाणी कुछ साल पहले पाकिस्तान गए थे तो उन्होंने भी जिन्ना को सच्चा सेक्युलर बताया था. अब जसवंत सिंह भी उसी कतार में खड़े हो गए हैं. जसवंत सिंह ने तो यहां तक कह डाला कि भारत-पाकिस्तान का बंटवारा जवाहर लाल नेहरू की  वजह से हुआ. बाल ठाकरे ने सीधा निशाना साधते हुए कहा कि जसवंत सिंह अपनी किताब की पब्लिसिटी दिलाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. ठाकरे के मुताबिक हिंदुस्तान में मुसलमानों को बराबरी का अधिकार मिला है. राजनीति से लेकर न्याय व्यवस्था तक हर जगह मुसलमान क़ाबिज़ हैं ऐसे में भला जसवंत मुसलमानों की ख़राब दशा का रोना क्यों रो रहे हैं.

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