सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी. डी. दिनाकरन पर लगे अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही राज्यसभा द्वारा नियुक्त समिति शुक्रवार से साक्ष्य दर्ज करना शुरू करेगी.
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आफताब आलम, कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. एस खेहर और वरिष्ठ अधिवक्ता पी. पी. राव की तीन सदस्यीय समिति की आज ढ़ाई घंटे चली सुनवाई के बाद यह फैसला किया गया.
राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी द्वारा गठित समिति की कार्यवाही से करीब से जुड़े सूत्रों ने कहा, ‘साक्ष्य दर्ज करने और उनका परीक्षण करने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू होगी.’ इस कार्यवाही की कैमरा रिकॉर्डिन्ग की जा रही है.
इस बीच, कुछ पत्रकारों ने समिति की सुनवाई के विवरणों को सार्वजनिक करने के निर्देश देने की मांग की. न्यायमूर्ति दिनाकरन की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि वे अर्जी पर जवाब देंगे. लिहाजा समिति ने इसे विचाराधीन रखा है.
न्यायमूर्ति दिनाकरन ने उच्चतम न्यायालय में भी याचिका दाखिल कर राव पर पक्षपातपूर्ण होने का आरोप लगाते हुए समिति के समक्ष हो रही कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की.
समिति ने 24 अप्रैल को न्यायमूर्ति दिनाकरन की राव के खिलाफ दाखिल अर्जी को नामंजूर कर कहा था कि आपत्ति कार्यवाही शुरू होने से पहले उठायी जानी चाहिये थी. जब इस अर्जी पर चर्चा हुई तो राव ने बैठक में भाग नहीं लिया.
न्यायमूर्ति दिनाकरन को नौ मई 2012 को सेवानिवृत्त होना है. उनके खिलाफ आरोप तब लगे थे जब वह कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे. बाद में उनका सिक्किम उच्च न्यायालय में तबादला कर दिया गया.