क्या तालिबान के सफ़ाये के नाम पर पाकिस्तान की फौज लोगों पर बेरहमी से ज़ुल्म ढा रही है. क्या स्वात में मानवाधकारों का खुला उल्लंघन हो रहा है. ये सवाल उठ खड़े हुए हैं एक वीडियो के सामने आने के बाद. हालांकि इस वीडियो की असलियत की जांच होना अभी बाक़ी है, लेकिन वो तस्वीरें देखकर हम सभी का दिल दहल जाएगा.
स्वात इलाके में बनाया गया वीडियो
जिन तस्वीरें को देखकर ही रूह कांप उठती है, सोचिए कैसे सहा होगा ये ज़ुल्म उन लोगों ने जिन्हें इस वीडियो में बेतहाशा पीटा जा रहा है. पिटने वाले लोग कौन हैं, पीटने वाले हाथ किसके हैं, ये पूरी तरह साफ़ तो नहीं है लेकिन जो दिख रहा है उससे ऐसा लगता है कि ये वीडियो पाकिस्तान के स्वात इलाके में बनाया गया है.
तालिबान से जुड़े संदिग्ध लोगों की पीटाई
माना जा रहा है कि पिटने वाले तालिबान से जुड़े संदिग्ध लोग हैं और पीटने वाले पाकिस्तानी फौज की वर्दी में नज़र आ रहे हैं. हालांकि पाकिस्तानी फौज इस वीडियो की असलियत पर यक़ीन करने को तैयार नहीं हैं. बीबीसी ने जब पाक फौज के जनसंपर्क विभाग के मुखिया से पूछा तो उन्होंने कहा कि वीडियो की जांच करनी होगी. 10 मिनट का ये वीडियो सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फ़ेसबुक पर जारी किया गया है. इस वीडियो में साफ़ है कि कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है और जब मनमाफ़िक जवाब नहीं मिलता तो फौजी जवान सामने वाले पर पिल पड़ते हैं.
मौके पर पाक फौज के अफसर मौजूद
वीडियो से ये भी अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि मौक़े पर फ़ौज के अफ़सर भी मौजूद हैं. उनका इशारा मिलता है और जवान लात-घूसों की बरसात शुरू कर देते हैं, गूंज उठती है दर्द भरी चीखें. मार खाने वालों में से कई तो बुज़ुर्ग हैं, जिन पर लात-घूंसों के साथ साथ बेल्ट के कोड़े भी बरसाए जा रहे हैं. तो क्या स्वात से तालिबान के सफ़ाये का दावा करने वाली फौज मानवाधिकारों की खुल्लमखुल्ला नाफ़रमानी कर रही है?
फौज पर पहले भी लगे हैं आरोप
पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठन पहले से फौज पर ऐसे आरोप लगाते आ रहे हैं और पाकिस्तानी सेना ने इन आरोपों को सिरे से नकारती रही है लेकिन इस वीडिओ के सामने आने के बाद पाक फौज को भी कहना पड़ा कि जांच करके सच्चाई का पता लगाया जाएगा.