अमेरिका यह नहीं मानता है कि भारत पाक समग्र वार्ता की बहाली में कश्मीर एक मुद्दा है बल्कि उसका कहना है कि फिलहाल वास्तविक सवाल यह है कि पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद खत्म करने और मुम्बई हमले के संदिग्ध साजिशकर्ताओं की सुनवाई की दिशा में किस प्रकार आगे बढ़ता है.
हालांकि अमेरिका के ओबामा प्रशासन ने यह भी माना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और उसने उम्मीद प्रकट की है कि दोनों देश इस मुद्दे के हल की दिशा में प्रगति करेंगे. उसने एक बार कहा है कि उसकी कश्मीर नीति में कोई बदलाव नहीं आया है.
लेकिन दक्षिण और मध्य एशिया मामले के सहायक विदेश मंत्री राबर्ट ब्लेक ने बीबीसी के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘मुझे नहीं लगता है कि कश्मीर फिलहाल ऐसा कोई वास्तविक सवाल है जो चर्चा में है.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि फिलहाल वास्तविक सवाल है कि मुम्बई हमले के उन संदिग्धों की सुनवाई में प्रगति हो जो पाकिस्तान में पहले से ही हिरासत में हैं.
भारत यह भी चाहता है कि लश्कर ए तैयबा और पंजाब (पाकिस्तानी) के अन्य आतंकवादी संगठनों की उसके खिलाफ गतिविधियां पर पाकिस्तान द्वारा रोक लगाने की दिशा में प्रगति हो.’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी दृष्टिकोण में ये मुद्दे भारत और पाकिस्तान के बीच समग्र वार्ता की बहाली के लिए ‘वास्तविक’ हैं. इसबीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पी जे क्राउले ने यहां नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘हम मानते हैं कि यह (कश्मीर) भारत और पाकिस्तान के बीच बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है.’
क्राउले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जम्मू-कश्मीर यात्रा और हिंसा छोड़ने तथा भारतीय संविधान को मानने की स्थिति में अलगाववादियों से बातचीत की पेशकश के संबंध में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा ‘भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता का दायरा खासकर नेता स्तर पर जैसे जैसे बढ़ रहा है, हम उम्मीद करते हैं कि दोनों देश इस मुद्दे पर आम सहमति की दिशा में प्रगति करेंगे जैसा कि उन्होंने कुछ साल पहले किया था.’
इससे पहले विदेश मंत्रालय के ब्लॉग फोरम पर दक्षिण और मध्य एशिया के सहायक विदेश मंत्री रॉबर्ट ब्लेक ने कहा कि अमेरिका की कश्मीर नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा ‘अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं है. मेरी राय में यह भारत और पाकिस्तान के लिए फिलहाल सर्वोच्च प्राथमिकता है कि वे और अधिक व्यवस्थित तरीके से द्विपक्षीय वार्ता करें.’
ब्लेक ने कहा ‘जैसा कि मैं कह चुका हूं, इस्लामाबाद में अगले दो माह में बहुत महत्वपूर्ण बैठकें होने वाली हैं और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पाकिस्तान के साथ शांति के लिए निजी तौर पर प्रतिबद्ध हैं.’ उन्होंने कहा ‘लेकिन उन्हें (सिंह को) दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रगति देखने की जरूरत है, पहला, सीमापार से भारत में होने वाली घुसपैठ रोकना और दूसरा, मुंबई हमला मामले के संदिग्धों के खिलाफ सुनवाई.’