प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ समस्याओं के समाधान के लिए वार्ता जरूरी है लेकिन साथ ही यह भी सच है कि किसी भी सार्थक वार्ता के लिए पाकिस्तान नियंत्रित भूमि से आतंकी मशीन पर लगाम लगाना आवश्यक है भले ही वह ‘नान स्टेट ऐक्टर्स’ का काम क्यों न हो.
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब देते हुए सिंह ने कहा, ‘मेरा कभी इस बात पर विश्वास नहीं रहा कि पाकिस्तान के साथ संवाद के चैनल टूट जाएं. जिस समय शीतयुद्ध अपने चरम पर था, तब भी अमेरिकी और सोवियत संघ एक दूसरे से बातचीत करते थे. संवादहीनता की स्थिति में ही गलत आकलन के अवसर पैदा होते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘इसीलिए मैंने रूस में राष्ट्रपति जरदारी से मिलने पर व्यक्तिगत रूप से अपनी चिन्ताओं से उन्हें अवगत कराया और बाद में पिछले वर्ष गुट निरपेक्ष आंदोलन की शिखर बैठक के दौरान प्रधानमंत्री गिलानी से मुलाकात के दौरान भी ऐसा ही किया.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सभ्य देशों के लिए अपनी समस्याओं के समाधान का एकमात्र रास्ता वार्ता है. लेकिन ये भी उतना ही सच है कि किसी भी अर्थपूर्ण वार्ता के आगे बढ़ने के लिए पाकिस्तान को आतंकी मशीन को काबू करना होगा भले ही वह गैर शासकीय स्तर पर क्यों न हो. यह बात मैं संसद में कई बार कह चुका हूं और ये हमारी सतत स्थिति है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि तथ्य यह है कि पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान से बात कर रहा है. ऐसे में हमारी उससे बातचीत नहीं करने से वह अलग थलग नहीं पड़ जाएगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तरीय वार्ता अचानक किया गया फैसला नहीं है बल्कि यह नफे नुकसान को अच्छी तरह तौलने के बाद किया गया फैसला है. सिंह ने कहा कि कई सदस्यों ने पाकिस्तान की स्थिति और वहां से भारत के खिलाफ फैलाये जा रहे आतंकवाद के बारे में चिन्ता जतायी है. सरकार इन चिन्ताओं से पूरी तरह सहमत है. हम अपनी आंतरिक सुरक्षा और रक्षात्मक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के प्रति हमारी नीति सतत, सजग और वास्तविक है.’ उनहोंने कहा कि हमने अपनी बात को मजबूती से रखा है लेकिन हम बातचीत के बिना समस्या का समाधान नहीं कर सकते हैं. सिंह ने कहा कि हमने अपनी चिन्ताओं और उम्मीदों के बारे में पाकिस्तान को साफ तौर पर बता दिया है कि वह अपनी भूमि से भारत को निशाना बनाने वाले आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करे. पाकिस्तान अपने इस आश्वासन को पूरा करे कि वह अपने नियंत्रण वाली किसी भी भूमि का उपयोग किसी भी तरह आतंकवाद के लिए नहीं होने देगा.