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मोदी सरकार में आतंकियों-नक्सलियों ने ली 1483 लोगों की जान, 813 जवान भी शहीद

लोकसभा में हुए एक सवाल के जवाब में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हुई आतंकी, नक्सल आदि घटनाओं में मारे गए आम नागरिकों और जवानों की संख्या सार्वजनिक की है.

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सांकेतिक तस्वीर.
सांकेतिक तस्वीर.

मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हुई आतंकी, नक्सल सहित पूर्वोत्तर में विद्रोह आदि घटनाओं में मारे गए आम नागरिकों और जवानों की संख्या सार्वजनिक की है. इसमें पिछले पांच साल में कुल 1483 आम आदमी की मौत और 813 जवानों के शहीद होने की बात सामने आई है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच साल में देश के अन्य क्षेत्रों में छह आतंकी हमले, वहीं जम्मू-कश्मीर में 1708 घटनाएं हुईं. जबकि पूर्वोत्तर क्षेत्र में विद्रोह की 2172 घटनाएं हुईं. वहीं पिछले पांच वर्षों के दौरान वामपंथी उग्रवाद, नक्सल की कुल 4969 वारदातें हुईं.

मरने वालों का ब्योरा

गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लोकसभा में हुए सवाल के जवाब में 2014 से लेकर 2018 तक हुई घटनाओं और मारे गए लोगों का वर्षवार ब्योरा दिया है. इसके मुताबिक 2014 से 2018 के मुताबिक देश के अन्य हिस्सों में हुए आतंकी हमलों में 11 आम आदमी की मौत हुई जबकि 11 जवान भी शहीद हुए. जम्मू-कश्मीर में हुई आतंकी घटनाओं में 139 आम जन और 339 सुरक्षाकर्मी मारे गए. पूर्वोत्तर में विद्रोह की विभिन्न घटनाओं में 366 नागरिक और 109 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए. वहीं वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में 966 आम जन मारे गए, जबकि 354 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए.

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सरकार का दावा-कम हुई घटनाएं

हालांकि गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में दिए जवाब में देश के आंतरिक क्षेत्र में आतंकी और अन्य तरह की घटनाएं कम होने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद के प्रति सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सुरक्षा बल आतंकवादियों का सख्ती से मुकाबला कर रहे हैं. जिसके चलते बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए हैं. यह जवाब गृह मंत्रालय ने पांच सांसदों की ओर से पूछे गए सवाल पर दिया है. दरअसल उन्होंने जम्मू-कश्मीर सहित देश भर में पिछले पांच वर्षों में हुई आतंकी घटनाओं का ब्यौरा मांगा गया था.

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