बस्तों का भारी-भरकम बोझा उठाये हांफते और पस्त दिखते बच्चों की तस्वीरें अब बीते दिनों की बात हो जाएगी क्योंकि तेलंगाना सरकार बच्चों के बस्तों के वजन की सीमा 1.5 किलोग्राम से पांच किलोग्राम के बीच तय कर रही है. इतना ही नहीं उसने स्कूलों को प्राथमिक कक्षाओं यानी पहली से पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को होमवर्क देने पर भी रोक लगा दी है.
मिलेगी भारी बस्तों से छुट्टी
बच्चों के भारी बस्ते की समस्या से निपटने के लिये सरकार ने विद्यालय प्रबंधन के लिये एक आदेश जारी किया है, जो कक्षा एक से कक्षा 10 तक के छात्रों से इसका बोझा काफी हद तक कम कर देगा. इससे भारी बस्तों की वजह से होने वाले विपरीत शारीरिक प्रभावों और चिंता विकारों से उन्हें बचाया जा सकेगा.
सरकार ने जारी किया आदेश
सरकार की तरफ से जारी किये गये आदेश के मुताबिक नोटबुक और किताबों समेत कक्षा एक और दो के लिये बस्ते का वजन 1.5 किलो से ज्यादा नहीं हो सकता. कक्षा तीन से पांच के लिये वजन दो से तीन किलो के बीच हो सकता है.
10वीं के लिए अधिकतम वजन पांच किलो
आदेश के मुताबिक कक्षा दस तक के लिये बस्तों का अधिकतम वजन पांच किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिये. कक्षा छह से सात के लिए बस्ते का अधिकतम वजन चार किलो और कक्षा आठवीं से 9वीं के लिए साढ़े चार किलो तय किया गया है.
17 किलो तक हो जाता है बस्ते का वजन
कुछ अनुमानों के मुताबिक अभी प्राथमिक स्तर पर बच्चों के बस्तों का वजन छह किलो से 12 किलो के बीच होता है, जबकि हाईस्कूल स्तर पर इनका वजन 17 किलो तक हो जाता है.