scorecardresearch
 

सोमनाथ बोले- जजों ने गलत किया, जनता कैसे निर्णय लेगी, क्या वह वोट करेगी?

इसी मामले पर लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने जजों द्वारा मीडिया को संबोधित करने की हरकत को गलत बताया. साथ ही आजतक से बात करते हुए सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि जज बोल रहे हैं कि अब जनता को इस मामले में निर्णय लेना है तो वह बताए कि क्या जनता वोट करके निर्णय लेगी?

Advertisement
X
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी

देश में पहली बार न्यायपालिका में शुक्रवार को असाधारण स्थिति देखी गई. सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा 4 जजों ने मीडिया को संबोधित किया. चीफ जस्टिस के बाद दूसरे सबसे सीनियर जज जस्टिस चेलमेश्वर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है, अगर ऐसे चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी.

सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों द्वारा चीफ जस्टिस (सीजेआई) दीपक मिश्रा के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने के बाद कार्यपालिका, न्यायपालिका और राजनीतिक पार्टियों के कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों के बयान इस मुद्दे पर आए.

इसी मामले पर लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने जजों द्वारा मीडिया को संबोधित करने को गलत बताया. साथ ही आजतक से बात करते हुए सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि जज बोल रहे हैं कि अब जनता को इस मामले में निर्णय लेना है, तो वह बताएं कि क्या जनता वोट करके निर्णय लेगी?

Advertisement

आजतक से बात करते हुए सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि यह बहुत दुख की बात है. जजों के इस कदम से लोकतंत्र को धक्का लगा है. मेरे हिसाब से कभी नहीं होना चाहिए. हमने कभी नहीं सोचा कि ऐसा हो सकता है कि जज मीडिया के पास जाकर समस्या रखेंगे.

सोमनाथ के अनुसार न्यायपालिका लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है. किसी जज के बीच मतभेद हो तो खुद सुलझा लेना चाहिए था. सुप्रीम कोर्ट के जज भारत में सबसे सम्मानित होते हैं. सोमनाथ चटर्जी ने सवाल उठाया कि जज प्रेस में क्यों आए? वह कहते हैं कि जनता निर्णय लेगी तो मैं पूछना चाहता हूं कि जनता कैसे निर्णय लेगी? क्या वह वोट करेगी या फिर कार्यपालिका निर्णय लेगी?

चटर्जी ने कहा कि ऐसी कार्रवाई लोकतंत्र के लिए खतरा है. यह सुलझाने की जगह और समस्या खड़ी करेगी. जजों ने मीडिया के सामने आकर देश की छवि को नुकसान पहुंचाया है. न्यायपालिका कमजोर पड़ेगी तो लोगों के मन में अविश्वास फैलेगा और अब यह फैल भी चुका है.

बता दें कि शुक्रवार सुबह चारों जजों ने कहा कि अगर हमने देश के सामने ये बातें नहीं रखी और हम नहीं बोले तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा. हमने चीफ जस्टिस से अनियमितताओं पर बात की. उन्होंने बताया कि चार महीने पहले हम सभी चार जजों ने चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखा था, जो कि प्रशासन के बारे में थे, हमने कुछ मुद्दे उठाए थे. चीफ जस्टिस पर देश को फैसला करना चाहिए, हम बस देश का कर्ज अदा कर रहे हैं.

Advertisement

वहीं इस मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच सारी तकरार खत्म हो जाएगी और सारे मामले सुलझा लिए जाएंगे. चीफ जस्ट‍िस भी इस मामले में शनिवार को बैठक बुला सकते हैं.

Advertisement
Advertisement