भारतीय सेना की प्रमोशन पॉलिसी पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आने वाला है. दरअसल केंद्र सरकार ने आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी जिसमें कर्नल और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों को लेकर जनवरी 2009 में लागू किए गए विवादित प्रमोशन पॉलिसी को निरस्त कर दिया गया था. वन रैंक वन पेंशन: पेंशन की पेचीदा होती सियासत
इस मामले की सुनवाई जस्टिस टीएस ठाकुर और आर भानुमति की बेंच कर रही है. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 15 अप्रैल को रक्षा मंत्रालय को उन अधिकारियों को हलफनामे पर अपना जवाब देने को कहा था जिनकी अर्जी पर आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल ने प्रमोशन पॉलिसी को निरस्त किया था. भारतीय सेना के जवान ने बनाया विश्व रिकार्ड
आपको बता दें कि सेना के करीब 30 अधिकारियों ने कुछ महीने पहले एएफटी ने मौजूदा प्रमोशन पॉलिसी के खिलाफ अपील की थी. उनकी दलील थी कि इस प्रमोशन पॉलिसी में दूसरी इकाइयों के मुकाबले इनफैंट्री और आर्टिलरी के लोगों को ज्यादा तवज्जो दी गई है. सुनवाई के बाद एएफटी ने फैसला सुनाया कि यह पॉलिसी भेदभावपूर्ण है और इसे निरस्त किया जाता है.
आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल के इस फैसले के खिलाफ रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.