समलैंगिक संबंधों पर कोई रुख बनाने से बचते हुए केंद्र सरकार ने गुरुवार को यह फैसला सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ दिया.
पीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक
गौरतलब है कि पूर्व में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा इस संबंध में दिया गया निर्णय सही है या नहीं. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तय किया गया कि एटार्नी जनरल जी ई वाहनवती इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत की मदद करेंगे. कैबिनेट ने इस मुद्दे पर तीन सदस्यीय मंत्री समूह की रिपोर्ट पर भी विचार किया.
सुप्रीम कोर्ट की मदद को तैयार
कैबिनेट बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कैबिनेट ने वाहनवती को सुप्रीम कोर्ट की हर तरह से मदद करने के लिए कहने का फैसला किया है. एटार्नी जनरल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की मदद करने में पूरी तरह सक्षम हैं. इस बारे में संवाददाताओं द्वारा बार-बार किए गए सवालों के जवाब में अंबिका ने अपना यही जवाब दोहराया.
सुप्रीम कोर्ट तय करे फैसला
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ही तय करेगा कि समलैंगिक संबंधों के बारे में हाईकोर्ट का फैसला सही है या नहीं. उन्होंने इस मुद्दे पर और कुछ कहने से इनकार कर दिया. अंबिका ने कहा कि वह इस मामले में और अधिक स्पष्टीकरण देने की अधिकारी नहीं हैं क्योंकि मामला कैबिनेट की कार्यवाही से जुड़ा है.