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अवमानना केस: प्रशांत भूषण की तरफ से रिव्यू पीटिशन दाखिल करेंगे राजीव धवन

कोर्ट की अवमानना के मामले में दोषी करार दिए गए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के मामले में रिव्यू याचिका दायर की जाएगी. वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी.

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वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (फाइल फोटो-PTI)
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (फाइल फोटो-PTI)

कोर्ट की अवमानना के मामले में दोषी करार दिए गए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के मामले में रिव्यू याचिका दायर की जाएगी. वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में हम रिव्यू पीटिशन दायर करेंगे. गौरतलब है कि ट्वीट्स के मामले में प्रशांत भूषण दोषी करार दिए गए हैं.

राजीव धवन ने दलील दी कि स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले प्रशांत भूषण को दोषी तय करने वाले अपने फैसले के एक हिस्से में तो कोर्ट ने विवादास्पद ट्वीट्स को अवमानना बताया है, लेकिन दूसरे हिस्से में उसे अवमानना नहीं माना है. ऐसे में भूषण कोर्ट के सामने पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे ताकि स्थिति साफ हो.

अभी सुप्रीम कोर्ट में भी प्रशांत भूषण के खिलाफ 2009 में एक इंटरव्यू के दौरान दिए गए बयान पर अवमानना की सुनवाई चल रही है. इस सुनवाई के दौरान ही रिव्यू पीटिशन दायर किया जाएगा. यह जानकारी वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट को दी है.

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अवमानना केस में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण दोषी करार

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े और न्यायपालिका की आलोचना करने वाले प्रशांत भूषण के ट्वीट को लेकर उन्हें कोर्ट की अवमानना का दोषी ठहराया था.यह आदेश जस्टिस अरुण मिश्रा, बी.आर. गवई, और कृष्ण मुरारी ने पास किया था. अभी सजा पर फैसला सुनाया जाना बाकी है. अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को प्रशांत भूषण को ट्विटर पर कथित अपमानजनक टिप्पणी पोस्ट करने पर नोटिस जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से इस मामले की निगरानी करने के लिए भी कहा था. कोर्ट ने भूषण और ट्विटर को 5 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा था.

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कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हम सबसे पहले यह देखते हैं कि ट्विटर पर पूर्व में किए गए बयानों ने न्याय प्रशासन का अपमान किया है और सामान्य रूप से सर्वोच्च न्यायालय के संस्थान की गरिमा और अधिकार को भारत के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय और बड़े पैमाने पर जनता की नजर में कम करने वाला है.

नोटिस के जवाब में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा था, 'सीजेआई की आलोचना सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कम नहीं करता. बाइक पर सवार सीजेआई के बारे में ट्वीट कोर्ट में सामान्य सुनवाई न होने को लेकर उनकी पीड़ा को दर्शाता है. इसके अलावा चार पूर्व सीजेआई को लेकर ट्वीट के पीछे मेरी सोच है, जो भले ही अप्रिय लगे, लेकिन अवमानना नहीं है.'

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सुप्रीम कोर्ट ने 27 जून को एक ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए भूषण के खिलाफ मुकदमा चलाने और अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी.

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