scorecardresearch
 

असम: पंचायत सर्टिफिकेट की वैधता पर SC ने सरकार से मांगा जवाब

गुवाहाटी हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इन महिलाओं को पंचायत सेक्रेटरी द्वारा जारी किए गए पंचायत सर्टिफिकेट को कानूनी पहचान पत्र (लीगल पब्लिक डॉक्यूमेंट) नहीं माना जा सकता.

Advertisement
X
सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया
सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया

असम में 48 लाख विवाहित महिलाओं को दिए गए पंचायत सर्टिफिकेट को पहचान पत्र के तौर पर ना मानने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. गौरतलब है कि गुवाहाटी हाई कोर्ट ने पंचायत सर्टिफिकेट को पहचान पत्र मानने से इनकार कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने NRC से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने गुवाहाटी हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अर्ज़ी पर केंद्र सरकार, असम सरकार और NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप) समन्वयक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अंतरिम राहत के तौर पर फैसले पर रोक लगाने की मांग पर भी नोटिस जारी किया गया है.

वैध कानूनी दस्तावेज नहीं पंचायत सर्टिफिकेट?
इस मामले की अगली सुनवाई 4 मई को होगी. ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है. गुवाहाटी हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इन महिलाओं को पंचायत सेक्रेटरी द्वारा जारी किए गए पंचायत सर्टिफिकेट को कानूनी पहचान पत्र (लीगल पब्लिक डॉक्यूमेंट) नहीं माना जा सकता.

Advertisement

हाई कोर्ट के इस फैसले की वजह से इन महिलाओं के पास मौजूद पंचायत सर्टिफिकेट को NRC यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप के लिए वैध कानूनी दस्तावेज के तौर पर नहीं माना जा रहा.

पंचायत सर्टिफिकेट के खिलाफ ये है असम सरकार का पक्ष
हाई कोर्ट के फैसले की वजह से इन महिलाओं के लिए खुद को भारतीय नागरिक साबित कर पाना मुश्किल हो रहा है. वहीं असम सरकार के मुताबिक पंचायत सर्टिफिकेट की वजह से बहुत से बांग्लादेशी भारतीय नागरिकता ले पाने में कामयाब हुए हैं.

Advertisement
Advertisement