यूपी में भले ही सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती एक दूसरे को फूटे आंखों नहीं सुहाते हों, मगर मंगलवार को संसद में दोनों पार्टियों के नेता रॉबर्ट वाड्रा के मुद्दे पर एक ही पाले में खड़े और एक ही सुर में बोलते नजर आए.
ट्विटर पर पॉपुलर हुए रॉबर्ट वाड्रा जोक्स पढ़ने के लिए क्लिक करें
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के जमीन खरीद में कथित करप्शन को लेकर जब बीजेपी और कुछ अन्य विपक्षी दल संसद में बहस की मांग कर रहे थे और सोनिया गांधी का भी जिक्र कर रहे थे तो सपा बसपा ने इससे कन्नी काट ली. इन दोनों दलों के मुताबिक रॉबर्ट वाड्रा के मसले पर सोनिया गांधी को नहीं घसीटा जाना चाहिए.
मायावती ने कहा, रिश्तेदार कैसे जिम्मेदार
बसपा प्रमुख मायावती ने सदन स्थगित होने के बाद बोलीं,‘हमारी पार्टी इस बात से सहमत नहीं है कि सोनिया गांधी इसके लिए जिम्मेदार हैं. यदि कोई गलत काम करता है तो उसके रिश्तेदार को दंडित नहीं किया जाना चाहिए. रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ आरोपों को लेकर सोनिया को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है ?’
सपा बोली, सरकारी दामाद का नारा सही नहीं
इस मुद्दे पर सदन में चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि भाजपा इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है. अग्रवाल के मुताबिक यह राज्य से जुड़ा मामला है और इससे राज्य स्तर पर ही निपटा जाना चाहिए. इस मुद्दे पर सोनिया गांधी के जिक्र से जुड़े सवाल पर सपा नेता बोले कि मैं भाजपा के इस नारे ‘सरकारी दामाद’ से सहमत नहीं हूं.उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे के राजनीतिकरण और इसमें सोनिया गांधी को घसीटने से सहमत नहीं हैं.मुझे नहीं लगता कि इस पूरे मुद्दे को लेकर वह जिम्मेदार ठहरायी जा सकती हैं.’