लोकसभा में सोमवार को खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा के दौरान यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया और सभी दलों से अपने मतभेदों को दरकिनार रखते हुए सर्वसम्मति से इसे पारित कराने की अपील की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने खाद्य सुरक्षा कानून का वादा किया था और हम अपना वादा निभा रहे हैं.
सोनिया गांधी ने सदन में कहा कि भारत अपने निवासियों की खाद्य सुरक्षा की जिम्मेदारी लेता है और हमारा हर बच्चा कुपोषण से मुक्त होकर देश की प्रगति में हिस्सा लेगा. उन्होंने कहा कि इस कानून के आने के बाद समाज के वंचित वर्ग और किसानों को लाभ होगा.
उन्होंने कहा, 'यह संदेश देने का समय आ गया है कि भारत सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उठा सकता है.
खाद्य सुरक्षा बिल का विरोध कर रहे राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए सोनिया गांधी ने कहा, 'कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि क्या हमारे पास इसके लिए (खाद्य सुरक्षा बिल) साधन हैं? लेकिन सवाल साधनों का नहीं है, हमें साधन जुटाने होंगे. लोग पूछते हैं कि क्या ये किया जा सकता है? सवाल ये नहीं कि हम ये कर सकते हैं या नहीं, बल्कि हमें यह करना ही है. कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि क्या ये बिल किसानों के हित में हैं? मैं कहना चाहती हूं कि इससे किसानों को फायदा होगा क्योंकि कृषि और किसान हमारी नीतियों में सबसे ऊपर हैं.'
सोनिया गांधी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून जरूरतमंदों को सशक्त बनाने और भ्रष्टाचार को कम करने का सशक्त आधार बनेगा. उनके मुताबिक खाद्य सुरक्षा कानून को सफल बनाने के लिए सार्वजनिक वितरण व्यवस्था में सुधार की जरूरत है.
इसके बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव लक्षमण रेखा खींचते हुए कहा कि वे कानून का समर्थन करेंगे, लेकिन बिना संशोधन के बिल पास नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ विचार विमर्श होने तक खाद्य सुरक्षा विधेयक को टाल दिया जाए.
इसी के साथ सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने यह भी कहा कि खाद्य सुरक्षा बिल से किसानों को नुकसान होगा. यह केवल चुनावों को ध्यान में रखकर लाया गया है.