त्रिपुरा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को मिली करारी हार के बाद पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने शनिवार को कहा कि बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ उनकी जंग जारी रहेगी.
त्रिपुरा में सीटों की तस्वीर साफ होने के बाद येचुरी ने कहा, हम न सिर्फ त्रिपुरा में बल्कि पूरे देश भर में बीजेपी और समाज को बांटने वाले उसके एजेंडे का विरोध करते रहेंगे.
अपने सिलसिलेवार ट्वीट में माकपा महासचिव ने कहा, यह लड़ाई उन लोगों के लिए जरूरी है जो भारतीय संवैधानिक आदर्शों में विश्वास करते हैं, जो भाजपा-आरएसएस के घृणित ढांचे को हराना चाहते हैं. यह जंग जारी रहेगी.
25 साल तक त्रिपुरा में सत्ता में बनाए रखने के लिए सीताराम येचुरी ने राज्य की जनता का आभार जताया. उन्होंने कहा, त्रिपुरा की जनता ने बीजेपी-आईपीटीएफ सरकार को जनादेश दिया है. हम लोगों का आभार व्यक्त करना चाहेंगे जिन्होंने हमें त्रिपुरा में 25 साल तक सेवा का अवसर मुहैया कराया. हम न केवल त्रिपुरा बल्कि पूरे देश में बीजेपी के एजेंडे के खिलाफ लड़ते रहेंगे.
हार के कारणों पर करेंगे विचार
माकपा पोलित ब्यूरो ने त्रिपुरा में वाम मोर्चा को 45 फीसदी वोट मिलने पर जनता को धन्यावद दिया है. येचुरी ने बताया कि पार्टी चुनावी हार के कारणों पर बारीकी से विचार-विमर्श करेगी और सुधार के लिए जरूरी कदम उठाएगी.
बता दें कि त्रिपुरा में 1993 से ही माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा की सरकार रही है और पिछले 20 सालों से राज्य की बागडोर मुख्यमंत्री माणिक सरकार के हाथों में है. मगर इस बार के विधानसभा चुनावों में राज्य में बीजेपी सत्ता की बागडोर संभालने जा रही है.
त्रिपुरा में बीजेपी ने क्षेत्रीय दल इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ मिलकार चुनाव लड़ा था. अभी तक के रुझानों के मुताबकि त्रिपुरा में बीजेपी 43 सीटों पर आगे चल रही है जबकि लेफ्ट 16 सीटों पर आगे चल रही है.