गुजरात के ऊना में हुई दलितों की बर्बर पिटाई के बाद इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी रविवार को हैदराबाद में बोले. उन्होंने कहा कि अगर किसी को हमला करना है तो मुझ पर करे. गोली चलानी है तो मुझ पर चलाए, पर दलित भाइयों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
पीएम ने कहा कि वे दलित भाइयों की जगह पर ‘गोली खाने और हमला झेलने’ के लिए तैयार हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज को जाति और समुदाय के आधार पर बंटने नहीं दिया जाना चाहिए. भावुक अपील करते हुए मोदी ने लोगों से कहा कि वे दलितों की रक्षा और सम्मान करें क्योंकि इस वर्ग की समाज द्वारा लंबे समय से उपेक्षा की गई
पीएम ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं इन लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर आपको कोई समस्या है, अगर आपको हमला करना तो मुझ पर हमला करिए. मेरे दलित भाइयों पर हमला बंद करिए. अगर आपको गोली मारनी है तो मुझे गोली मारिए, लेकिन मेरे दलित भाइयों को नहीं. यह खेल बंद होना चाहिए.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर देश को प्रगति करनी है तो शांति, एकता और सद्भाव के मुख्य मंत्र की उपेक्षा नहीं की जा सकती.
दलितों पर हमलों को लेकर घिरी सरकार
उन्होंने कहा, ‘देश के विकास का मुख्य स्रोत देश की एकता है.’ उनका यह बयान उस वक्त आया है जब देश के कई हिस्सों में तथाकथित गोरक्षकों की ओर से दलितों और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा करने को लेकर
एनडीए सरकार को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा है.
मोदी ने कहा कि कुछ घटनाएं संज्ञान में आती हैं तो बहुत दुख होता है. उन्होंने कहा, ‘दलितों की रक्षा करना और उनका सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि यह समस्या सामाजिक है. यह पाप का परिणाम है जो हमारे समाज में घर कर गया है. परंतु हमें अतिरिक्त सावधानी बरतने और समाज को ऐसे खतरे से बचाने की जरूरत है.’ मोदी ने कहा कि समाज को जाति, धर्म और सामाजिक हैसियत के आधार पर बंटने नहीं देना चाहिए.
'समाज को बांटने वाली राजनीति न करें'
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जो लोग इस सामाजिक समस्या का समाधान करना चाहते हैं, उनसे मैं ऐसी राजनीति छोड़ने का आग्रह करता हूं जो समाज को बांटती हो. विभाजनकारी राजनीति से देश का कोई भला नहीं होगा.’