पाकिस्तानी मीडिया में रविवार को आयी एक खबर के अनुसार राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का स्वागत ब्रिटेन के शहर बर्मिंघम में पीपीपी के एक अधिवेशन में तालियों के बजाय जूते से हुआ. हालांकि वह बच गये.
दूसरी तरफ राष्ट्रपति के सहायक अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि जरदारी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान ऐसा कोई वाकया नहीं हुआ.
जियो न्यूज चैनल और जंग मीडिया समूह के अखबारों ने खबर प्रकाशित की है कि 60 वर्षीय शमीम खान नामक शख्स ने जरदारी की ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से मुलाकात के खिलाफ उन पर जूता फेंका.
इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि इस मामले के तार अफगानिस्तान और भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले समूहों से जुड़े हुए हैं.
खबरों के मुताबिक हालांकि जूता जरदारी को नहीं लगा और सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारी व्यक्ति को उस स्थान से बाहर निकाल दिया, जहां राष्ट्रपति पाकिस्तानी पीपुल्स पार्टी :पीपीपी: के एक अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे.
खान ने जियो न्यूज को बताया कि उसने जरदारी की कैमरन के साथ मुलाकात के खिलाफ जूता फेंका.
‘द न्यूज’ की खबर के अनुसार ब्रिटिश सुरक्षा बल नारे लगा रहे खान को बाहर ले गये.{mospagebreak}
अखबार ने सूचना मंत्री कमर जमान कैरा के हवाले से बताया कि यह पता लगाने के लिए जांच की जाएगी कि इस व्यक्ति को सभा में क्यों बुलाया गया था, जिसके लिए लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग ने चुनिंदा लोगों को निमंत्रण पत्र जारी किये थे.
सभागार में हुए इस घटनाक्रम के साथ ही बाहर भी विरोध प्रदर्शन हो रहा था जहां प्रदर्शनकारी बैनर लहरा रहे थे और जरदारी की ब्रिटेन यात्रा के खिलाफ नारे लगा रहे थे. पाकिस्तान में 80 साल में सबसे भयावह बाढ़ के समय राष्ट्रपति की विदेश यात्रा की काफी आलोचना हुई है.
सम्मेलन में जरदारी के भाषण को केवल सरकारी पीटीवी ने कवर किया, जिसने ऐसा कोई फुटेज नहीं दिखाया. राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने भी घटना से इनकार करते हुए कहा कि यदि ऐसा हुआ होता तो वहां बैठे लोगों ने देखा होता.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मीडिया के जरिये इस बात की पुष्टि करता हूं कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के भाषण के दौरान इस तरह का कोई वाकया नहीं हुआ.’’ बाबर ने कहा कि मीडिया तभी इस मामले में खुलकर खबर देता यदि इस बारे में सबूत होते.
घटना के बारे में सूचना मंत्री के बयान के बारे में पूछे जाने पर बाबर ने कहा कि मंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है और उनके बयान का गलत मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए.{mospagebreak}
बाबर ने कहा कि राष्ट्रपति ने 45 मिनट में अपना भाषण पूरा किया और सभागार में बैठे पीपीपी कार्यकर्ताओं ने इसकी जबरदस्त तारीफ की.
जंग मीडिया समूह ने यह दावा भी किया कि जियो न्यूज चैनल द्वारा इस खबर के प्रसारण पर रोक लगा दी गयी. यह भी दावा किया गया कि आज सुबह अज्ञात लोगों ने समूह के अंग्रेजी एवं उर्दू अखबारों की प्रतियां झपटकर उन्हें जला दिया.
यहां के मीडिया के अनुसार जरदारी ब्रिटेन में जूते के हमले का सामना करने वाले दूसरे वैश्विक नेता हैं, इससे पहले चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ के साथ ऐसा हुआ था.
पिछले साल फरवरी में ब्रिटेन के प्रतिष्ठित कैंब्रिज विश्वविद्यालय के एक छात्र ने वेन की तरफ जूता उछाला था. वहीं 14 दिसंबर 2008 को इराक के एक पत्रकार ने बगदाद में अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश पर जूता फेंका था.