नकारात्मक भूमिका से निकलें मोदी, देश एक-दो सालों में नहीं बना: शिवसेना
केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार की गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. शिवसेना के मुख्यपत्र सामना में छपे एक संपादकीय में प्रधानमंत्री मोदी को 'नकारात्मक' भूमिका से बाहर निकलने की सलाह देते हुए कहा गया है कि देश में प्रगति बस एक-दो वर्षों में नहीं हुई है.
केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार की गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. शिवसेना के मुख्यपत्र सामना में छपे एक संपादकीय में प्रधानमंत्री मोदी को 'नकारात्मक' भूमिका से बाहर निकलने की सलाह देते हुए कहा गया है कि देश में प्रगति बस एक-दो वर्षों में नहीं हुई है.
पीएम मोदी पर शिवसेना के 7 वार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोटबंदी या आर्थिक घोटालों को लेकर कांग्रेस पर निशाने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं. उन्हें इस नकारात्मक भुमिका से बाहर निकलना चाहिए.
जिस देश में आजादी के समय एक सुई भी नहीं बनती थी, वह आज आर्थिक और औद्योगिक क्षेत्र में बहुत ही आगे बढ़ गया है. यह प्रगति सिर्फ एक-दो सालो में नहीं हुई है.
इस आधुनिक भारत को पहले के सत्ताधीशों ने ही खड़ा किया. उन्होंने कुछ गलतियां या घोटाले जरूर किए होंगे, लेकिन भ्रष्टाचार के ऐसे कई आरोपी बाद में बीजेपी की गंगा में पवित्र कर ही लिए गए ना!
असली सवाल यह है कि 280 सांसदों के बहुमत वाली भाजपा सरकार ने बीते ढाई वर्षों में देश में कौन सा परिवर्तन किया है?
इंदिरा गांधी ने देश के लिए बलिदान दिया. राजीव गांधी के बारे में भी मतभेद हो सकते है, लेकिन उन्होने स्वच्छ कामकाज की जिद ठानी थी. बोफौर्स का दाग उन्हें लगा, लेकिन देश में कंप्युटर युग लाने का श्रेय उन्हें देना ही होगा. दुरसंचार और प्रोद्योगिकी की नींव राजीव गांधी ने रखी थी और नरसिम्हा राव व मनमोहन सिंह ने देश को आर्थिक अराजकता से बाहर निकालने की कोशिशों को सफल बनाया.
यह सब कुछ 60 सालों में इन लोगों ने नहीं किया होता, तो मोदी के हाथ में सोमालिया और बुरुंडी की तरह देश की मुट्टी भर राख ही आई होती.
मात्र नोटबंदी के प्रवचन से बाहर निकलकर अयोध्या में राम मंदिर बनाया जा सकता है क्या? और पाकिस्तान में तोपों को घुसाकर दाउद जैसों का बंदोबस्त किया जा सकता है क्या? इन पर उनके विचारों को जानना देश को अधिक पंसद आएगा.