बीजेपी और शिवसेना के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने लगी है. इसके साथ ही शिवसेना सांसद अनिल देसाई का केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री बनना तय हो गया है. हालांकि चर्चा यह भी है कि अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला को गवर्नर बनाया जा सकता है.
अप्रैल में नजमा 75 बरस की हो रही है और सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री अपने सिद्धांतों पर कायम रहने का विचार बना चुके है, जिसमें उन्होंने चुनाव से पहले कहा था कि वे अपने कैबिनेट में 75 बरस से ज्यादा के किसी व्यक्ति को नहीं रखेंगे.
शिवसेना सूत्रों के मुताबिक देसाई मोदी सरकार में मंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए मुंबई से दिल्ली पहुंच चुके हैं.
यह बदलाव तब आया है, जब केंद्रीय कैबिनेट में शिवसेना के एकमात्र प्रतिनिधि अनंत गीते को 8 दिसंबर की रात उद्धव ठाकरे ने मिलने के लिए मुंबई बुलाया.
शिवसेना सूत्रों ने कहा कि अनंत गीते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें अप्वाइंटमेंट नहीं मिला.
गौरतलब है कि देसाई को मोदी सरकार के पहले विस्तार में ही सरकार में शामिल किया जाना था. लेकिन शिवसेना ने पहले महाराष्ट्र में गठबंधन की पेचीदगियों को हल करने को लेकर दबाव बनाया था.
सूत्रों के मुताबिक चूंकि अब महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना साथ आ चुकी है, इसलिए देसाई को राज्यमंत्री का दर्जा देकर मोदी सरकार में शामिल कर लिया जाएगा.
हालांकि ऐसी अटकलें भी है कि अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को प्रमोट कर स्वतंत्र प्रभार दिया जा सकता है. और असम के राज्यपाल का पद जल्दी खाली हो रहा है, तो पूरी संभावना है कि हेपतुल्लाह को वहां राज्यपाल बनाकर वहां भेजा जा सकता है.