रूचिका छेड़छाड़ मामले में की गयी एक न्यायिक जांच में संकेत दिया गया है कि स्थानीय सैक्रेड हार्ट स्कूल ने हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत के तत्काल बाद गलत तरीके और दुर्भावनापूर्ण तरीके से किशोरी छात्रा को निष्कासित कर दिया था. एसपीएस राठौड़ के खिलाफ ताजा जांच पर इस रिपोर्ट का असर पड़ने की पूरी संभावना है.
जांच रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि राठौड़ द्वारा इस निष्कासन में सीधा हाथ होने का सबूत नहीं है, लेकिन इस मामले में पक्के परिस्थितिजन्य सबूत हैं क्योंकि छेड़छाड़ की घटना के तत्काल बाद छात्रा को निष्कासित कर दिया गया था. इसमें कहा गया है कि फीस के भुगतान के बजाय कुछ अन्य कारकों के चलते रूचिका का निष्कासन हुआ.
उपसंभागीय मजिस्ट्रेट प्रेरणा पुरी द्वारा की गयी जांच के नतीजों को जारी करते हुए शिक्षा तथा गृह सचिव राम निवास ने संवाददाताओं को बताया कि अप्रैल से सितंबर 1990 के बीच फीस का भुगतान नहीं करने के कारण रूचिका के निष्कासन के मामले में बाहरी असर था. उस समय छात्रा की आयु 14 वर्ष थी और वह कक्षा नौ में अध्ययनरत थी.
उपसंभागीय मजिस्ट्रेट प्रेरणा पुरी ने रुचिका गिरहोत्रा को सैक्रेड हार्ट स्कूल से निकाले जाने के मामले में अपनी जांच रिपोर्ट केंद्र शासित क्षेत्र प्रशासन को बृहस्पतिवपार को सौंप दी.
पुरी ने अपनी जांच रिपोर्ट शिक्षा सचिव राम निवास को सौंपी. राम निवास संघ शासित क्षेत्र के गृह सचिव भी हैं. निवास ने संवाददाताओं से कहा कि रिपोर्ट चंडीगढ़ प्रशासक एस एफ रोड्रिग्ज को सौंपी जाएगी. रोड्रिग्ज पंजाब के राज्यपाल भी हैं. रिपोर्ट की सामग्री के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि हम जांच के निष्कषरें को बाद में सार्वजनिक करेंगे. हम सैक्रेड हार्ट स्कूल से जुड़ी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में अपनाए गए तरीके को भी सार्वजनिक करेंगे.
शिक्षा सचिव राम निवास के आदेश पर यह जांच शुरू की गई थी. यह जांच उन कारणों का पता लगाने के लिए शुरू की गई थी, जिसमें 14 वर्षीय रुचिका को स्कूल से निष्कासित करने का आरोप लगाया गया था.