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चुनावी फूड पर नीतीश नरम, कहा-अध्यादेश की जगह बिल आता तो होता बेहतर

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह बेहतर होता कि खाद्य सुरक्षा विधेयक पर संसद में बहस होने के बाद उसे लागू किया जाता लेकिन केंद्र ने इसको लेकर जो एक अध्यादेश लाया है उसे लागू करने के लिए बिहार में कदम उठाए जा रहे हैं.

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नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह बेहतर होता कि खाद्य सुरक्षा विधेयक पर संसद में बहस होने के बाद उसे लागू किया जाता लेकिन केंद्र ने इसको लेकर जो एक अध्यादेश लाया है उसे लागू करने के लिए बिहार में कदम उठाए जा रहे हैं.

नीतीश ने कहा कि अध्यादेश को लागू करने का सरकार को अधिकार है और इसे पूरे देश में लागू होना है. हमने अपनी चिंता और सुझाव से केंद्र सरकार को अवगत करा दिया था. हमारे कई सुझावों को स्वीकार भी किया गया जो सुझाव नहीं स्वीकार किये गये हैं उन पर हम अपने सहयोगियों के माध्यम से संसद में विचार रखते और अपने सुझाव को और स्पष्ट कर पाते.

नीतीश कुमार ने बिहार में गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या ज्यादा बताते हुए कहा कि लाभार्थियों की सूची बनाने के लिये उन्होंने स्वतंत्र आयोग बनाये जाने का सुझाव दिया था. इस विधेयक में एपीएल और बीपीएल के अतिरिक्त दूसरा रास्ता निकाला गया है. अंत्योदय के अतिरिक्त कमोबेश संख्या के दृष्टिकोण से जरुरतमंदों तक खाद्य आपूर्ति का समाधान निकलता. उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को लागू करने के लिये इंतजाम करना पड़ेगा. हमने राज्य के खाद्य आपूर्ति विभाग ग्रामीण विकास विभाग और नगर विकास विभाग को इसे लागू कराने के लिये तेजी से काम करने का निर्देश दिया है.

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नीतीश ने कहा कि कितने परिवार को सस्ते दर पर खाद्य सामग्री मिलनी है, इसकी सूची बनाने को कहा है. छह महीने में इसे लागू करना है इसके लिये लाथार्थियों की सूची बनानी होगी. खाद्यान्न को पहुंचाने और भंडारण के लिये बहुत सारे काम किये जाने हैं. उन्होंने कहा कि हमलोगों की कोशिश रहेगी अध्यादेश के के प्रावधान के अनुसार खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करायें.

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