अन्ना हजारे आज कल खफा चल रहे हैं. ताजा ताजा वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खफा हैं. अन्ना की शिकायत है कि प्रधानमंत्री मोदी उनकी चिट्ठियों का जवाब या तो नहीं देते या फिर बेहद 'शॉर्ट रिप्लाई' देकर किनारा कर लेते हैं.
मोदी से तो भले मनमोहन
प्रधानमंत्री की मन की बात से भी अन्ना को निराशा ही हाथ लगी है, अन्ना का कहना है कि मोदी से अच्छे तो मनमोहन ही थे, "पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भले ही चुप रहते थे, लेकिन वो जवाब विस्तार से देते थे."
पहले अन्ना को लगा कि पुराने मसलों की वजह से मोदी टाल जाते हैं . इसलिए अन्ना अब न तो भ्रष्टाचार के मामले पर चिट्ठी लिखते हैं - और न ही जनलोकपाल की मांग करते हैं.
"लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि हम देश के सामने ज्वलंत मुद्दों पर प्रधानमंत्री से सवाल करना छोड़ दें?" अन्ना पलट कर सवाल करते हैं.
अन्ना ने अपने कुछ पत्र और उन पर मोदी के जवाब हमे उपलब्ध कराए हैं. यहां हम अन्ना के पत्रों के मुख्य अंश और उन पर मोदी के जवाब दे रहे हैं.
पोर्न बैन क्यों?
ये पोर्न बैन का क्या मतलब है? आप लोगों से उनकी आजादी कैसे छीन सकते हैं? आजादी ही तो हमारे देश की खूबसूरती है.
पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें या www.ichowk.in पर जाएं.
आईचौक को फेसबुक पर लाइक करें. आप ट्विटर (@iChowk_) पर भी फॉलो कर सकते हैं.