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सरबजीत की मौत की सजा बरकरार

पाकिस्तान में क़ैद भारतीय नागरिक सरबजीत की रहम याचिका पर पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है.

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पाकिस्तान में क़ैद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की रहम याचिका पर पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. सरबजीत सिंह को मौत की सज़ा दी जा चुकी है जिसके ख़िलाफ़ रहम याचिका दायर की गई थी.

मामले की सुनवाई सोमवार को ही शुरू हो गई थी लेकिन बाद में इसे बुधवार तक के लिए मुलतवी कर दिया गया था . पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यों की खंडपीठ ने सरबजीत के वकील को बुधवार को अदालत में पेश होने का हुक्म दिया था . पाकिस्तान में राजा फैयाद अहमद, जस्टिस मोहम्मद क़ैम जान ख़ान और जस्टिस जव्वार हुसैन जाफ़री की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी.

पाकिस्तान का कहना है कि सरबजीत का असली नाम मंजीत सिंह है और उस पर 1991 में लाहौर में बम विस्फोट करने का दोष साबित हो चुका है. पाकिस्तान की अदालत उसे मौत की सज़ा भी सुना चुकी है लेकिन पिछले साल एक अप्रैल को सरबजीत सिंह को फांसी दी जानी थी.

उस वक्त राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ की पहल पर पहले महीने भर के लिए और बाद में प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी के कहने पर फांसी को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया. इसके बाद रहम की अपील पर सुनवाई शुरू हुई. हालांकि पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की एक खंडपीठ ने लगभग तीन साल पहले ऐसी ही रहम की अपील ख़ारिज कर दी थी और सरबजीत को मौत की सज़ा देने का हुक्म दिया था.

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