लाहौर की कोट लखपत जेल में कैदियों के हमले का शिकार हुए भारतीय कैदी सरबजीत सिंह को डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया है. यह जानकारी एससी-एसटी कमिशन के डिप्टी चेयरमैन राजकुमार वेरका ने दी है. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने सरबजीत के परिवार से उन्हें वेंटिलेटर से हटाने की इजाजत मांगी है. हालांकि जिन्ना अस्पताल के मेडिक्ल बोर्ड ने कहा है कि सरबरजीत की हालत आज और बिगड़ गई है, लेकिन वे ब्रेन डेड नहीं हैं.
एससी-एसटी कमिशन के डिप्टी चेयरमैन राजकुमार वेरका ने बताया कि सरबजीत की बहन ने फोन पर बताया कि उनके भाई को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया है. इस बीच खबर है कि सरबजीत की बहन दलबीर कौर और उनका पूरा परिवार बुधवार को पाकिस्तान से भारत लौट आएगा.
इससे पहले भारत ने सोमवार को पाकिस्तान से 'करुणा और मानवीयता' के आधार पर सरबजीत सिंह को रिहा करने का अनुरोध किया था. भारत ने कहा था कि पाकिस्तान मानवीय आधार पर सरबजीत सिंह को बेहत इलाज के लिए वापस भारत भेज दे. इसके साथ ही भारत ने सरबजीत पर हमला करने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है. उधर, सरबजीत की सुरक्षा में हुई चूक के बाद कोट लखपत जेल के 7 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है.
पाक ने सरबजीत को नहीं भेजा विदेश
हालांकि पाकिस्तान ने साफ कर दिया था कि सरबजीत सिंह को इलाज के लिए विदेश नहीं भेजा जाएगा, बल्कि उनका इलाज पाकिस्तान में ही होगा. सरबजीत को इलाज के लिए विदेश भेजा जाए या नहीं, इस पर फैसल लेने के लिए पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की अंतरिम सरकार ने 4 सदस्यीय समिति बनाई थी, जिसने सरबजीत को इलाज के लिए विदेश नहीं भेजने का फैसला लिया.
कैदियों ने किया था सरबजीत पर हमला
सरबजीत पर 26 अप्रैल को कोट लखपत जेल के कैदियों ने जानलेवा हमला कर दिया था, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए थे. उन्हें लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है. उन पर ईंट और अन्य घातक चीजों से हमला किया गया. उन्हें सिर में गंभीर चोट आई है और फिलहाल आईसीयू में रखा गया है.
पाकिस्तान में सरबजीत का परिवार
सरबजीत को देखने के लिए उसके परिवार के लोग अमृतसर से रविवार को लाहौर पहुंच गए थे. परिवार के लोगों ने सरबजीत को इलाज के लिए भारत या किसी और मुल्क ले जाने की अनुमति देने की गुहार लगाई थी. अब उनका परिवार बुधवार को भारत लौट आएगा. सरबजीत को देखने के लिए उनकी बहन दलबीर कौर के साथ उनकी पत्नी सुखप्रीत कौर और दो बेटियां स्वप्नदीप और पूनम भी लाहौर पहुंची हैं.
22 सालों से बंद है सरबजीत
कोट लखपत जेल में शुक्रवार को चार से पांच कैदियों के ईंटों व अन्य धारदार वस्तुओं से किए गए हमले में 49 वर्षीय सरबजीत के सिर में गंभीर चोटें आई हैं. पाकिस्तान में आतंकवादी हमले के आरोप में फांसी की सजा पाए सरबजीत पिछले 22 सालों से जेल में बंद है. सरबजीत के परिवार का दावा है कि वह निर्दोष हैं तथा अगस्त 1990 में गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान चले गए थे, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.