आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मानवता का नाम हिन्दुत्व है और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ स्वयंसेवकों का संगठन है. उन्होंने कहा कि संघ का उद्देश्य हिंदु समाज को संगठित करना है.
भागवत ने बताया कि सामज में सही वातावरण का निर्माण हो यही संघ का उद्देश्य है. बीजेपी में चल रहे घमासान पर मोहन भागवत कोई टिप्पणी करने से बचते रहे लेकिन उन्होंने कहा कि यह बीजेपी का अंदरूनी मामला है न कि संघ का. बीजेपी में युवाओं को आगे लाने के मामले पर उन्होंने कहा कि पार्टी में नेता की उम्र कितनी हो ये पार्टी तय करे ना कि संघ. उन्होंने उम्मीद जताई कि बीजेपी मौजूदा संकट से जल्दी ही निकल जाएगी.
राजनीतिक दल खुद तय करें नीति
उन्होंने कहा कि किसी पार्टी की नीति में संघ कोई दखल नहीं देता और राजनीतिक दल अपनी नीति खुद ही तय करें. बीजेपी को क्या करना चाहिए और क्या नहीं इस पर भागवत ने कहा कि संघ सलाह देने का काम नहीं करता लेकिन जरूरत पड़े तो संघ इसके लिए तैयार है. गैर संघ मामले पर भागवत ने कहा कि किसी से भेद करना संघ में नहीं सिखाया जाता. गौरतलब है कि बीजेपी से निकाले गए जसवंत सिंह ने आरोप लगाया था कि चुंकि वह संघ से जुड़ नहीं रहे इसलिए उनके साथ ऐसा व्यहार किया गया.
संघ में कोई दो धारा नहीं
जब उनसे पूछा गया कि संघ अपनी पुरानी विचारधारा से भटक गया है तो उन्होंने कहा कि संघ में कोई दो धारा नहीं है, सत्ता के जरिए परिवर्तन नहीं हो सकता, सत्ता केवल साधन हो सकती है. भागवत ने यह भी कहा कि संघ किसी वर्ग विशेष के लिए कार्य नहीं करता, सभी वर्ग के लोग संघ से जुड़ते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि संघ में मुसलमान कार्यकर्ता भी हैं.
जिस जिन्ना के मुद्दे ने बीजेपी में घमासान मचाया हुआ है उसके बारे में भागवत ने कहा कि इतिहास में जिन्ना की भूमिका साफ है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव बाद बीजेपी को झटका जरूर लगा है लेकिन बीजेपी का पतन नहीं होगा.