2007 के समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले की सुनवाई कर रही आतंकवाद रोधी अदालत ने पाकिस्तानी महिला की याचिका को सुनवाई के योग्य न बताते हुए बुधवार को खारिज कर दिया. याचिका में महिला राहिला वकील ने अपने देश के प्रत्यक्षदर्शियों से सवाल-जवाब करने की अपील की थी.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की तरफ से पेश हुए वकील राजन मल्होत्रा ने बताया कि अदालत ने पाकिस्तानी महिला का आवेदन खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि यह विचार योग्य नहीं है. एनआईए के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने महिला एवं एनआईए के वकील की दलीलें सुनने के बाद महिला की याचिका पर फैसला 20 मार्च के लिए सुरक्षित रख लिया था.
पाकिस्तान के हफीजाबाद जिले के धींगरावली गांव निवासी और विस्फोट का शिकार बने मोहम्मद वकील की बेटी राहिला वकील ने 11 मार्च को अदालत का रुख किया था और अपने देश के चश्मदीदों की गवाही दर्ज किए जाने की मांग की थी. उसने दलील दी कि उसके सह-नागरिकों को अदालत से या तो उचित समन नहीं प्राप्त हुए या अधिकारियों ने पेश होने के लिए उन्हें वीजा देने से इनकार किया.
वहीं मामले की जांच कर रही एनआईए ने दलील दी कि तीन बार उन सभी को उचित माध्यमों से तलब किया गया लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया. अदालत ने इस मामले की सुनवाई 14 मार्च को तय की थी लेकिन स्थानीय वकीलों की हड़ताल की वजह से सुनवाई 18 मार्च तक टल गई थी.
बता दें, पानीपत के निकट 18 फरवरी, 2007 को समझौता एक्सप्रेस के दो डिब्बों में हुए विस्फोटों में 68 लोग मारे गये थे, जिनमें से ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे.