प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय में हाल ही में तैनात किए गए सचिव भास्कर खुल्बे पीएमओ के सबसे अधिक वेतन पाने वाले नौकरशाह हो गए हैं. पीएमओ से जारी नए दस्तावेजों और उनके वेबसाइट के जरिए यह जानकारी मिली है.
प्रमुख सचिव से भी अधिक है सैलरी
जानकारी के मुताबिक पीएमओ ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सैलरी सार्वजनिक कर दी है. सूचना के अधिकार के नियमों के तहत पीएमओ ने खुद की पहल पर यह खुलासा किया है. इसके मुताबिक 1983 बैच के आईएएस अफसर भास्कर खुल्बे यहां सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले अधिकारी हैं. उनकी सैलरी 2,01,450 लाख रुपये प्रति महीने है. उन्हें पिछले सप्ताह ही प्रधानमंत्री का सचिव बनाया गया है. इससे पहले वह अतिरिक्त सचिव की जिम्मेदारी निभा रहे थे.
रिटायर्ड अफसरों को पेंशन के मुताबिक भुगतान
पीएमओ में तीन सबसे बड़े अफसरों में पीएम के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा, अतिरिक्त प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को 1,62,500 रुपये महीने वेतन मिलता है. इन सबों का वेतन समान है. क्योंकि ये तीनों रिटायर्ड सरकारी अधिकारी हैं.
बाकी अफसरों की सैलरी भी हुई सार्वजनिक
पीएमओ की ओर से सार्वजनिक की सूचना के मुताबिक यहां काम कर रहे पीआरओ को हर महीने 99,434 रुपये वेतन मिलता है. पीएम के एक पुराने सहयोगी जे. एम. ठक्कर को भी 99,434 रुपये की ही पेंशन मिलती है. पीएमओ में नियुक्त सूचना अधिकारी शरत चंदर को 1.26 लाख रुपये वेतन मिलता है. वहीं संयुक्त सचिवों में तरुण बजाज को सबसे ज्यादा 1,77,750 रुपये मिलता है, जबकि अनुराग जैन की सैलरी 1,76,250 रुपये और ए.के. शर्मा की 1,73,250 रुपये है.
सौ से अधिक अफसरों की सैलरी के बारे में दी सूचना
पीएमओ में काम कर रहे 80 मल्टी टास्किंग स्टाफ (पहले जिन्हें पिउन कहा जाता था) और 25 ड्राइवरों की सैलरी भी सार्वजनिक की है. पीएमओ ने यह जानकारी पीएम मोदी के पारदर्शिता के वायदों के मद्देनजर किया है.
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने भी दी थी जानकारी
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भी पीएमओ ने अपने अधिकारियों की सैलरी सार्वजनिक की थी. साल 2012 में सिंह के सलाहकार टी.के.ए. नायर, तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन, विशेष प्रतिनिधि एस. के. लांबा और पीएम के तत्कालीन प्रधान सचिव पुलक चटर्जी को हर महीने 1.61 लाख रुपये मिलते थे. उनमें 1.11 लाख रुपये की सैलरी और 50,000 रुपये की पेंशन होती थी.