शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे एक कार्टून पर विरोध होने के बाद कार्टूनिस्ट श्रीनिवास प्रभुदेसाई ने खेद जताया है. सामना में मराठा क्रांति मोर्चा के मौन जुलूस को लेकर प्रकाशित कार्टून पर मराठा आंदोलन कर रहे लोगों ने विरोध किया था और शिवसेना के दफ्तर को निशाना बनाया था.
कार्टूनिस्ट श्रीनिवास प्रभुदेसाई ने सामना में खेद जताते हुए लिखा है कि किसी भावनाओं को दुख पहुंचाने का हमारा कोई इरादा नहीं था. श्रीनिवास प्रभुदेसाई ने कहा- 'यह गैरजरूरी विवाद है. मैं एक आर्टिस्ट हूं, न कि राजनीतिक कार्टूनिस्ट . बिजी लाइफ में मेरा इरादा लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने का है. मैं इसीलिए कार्टून बनाता हूं.'
सामना को हुई थी काफी मुश्किल
कार्टूनिस्ट प्रभुदेसाई ने ये भी कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया गया, शिवसेना और सामना का नाम इसमें बिना किसी जरूरत के खींचा गया. हालांकि, इस कार्टून से सामना को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा. कई प्रमुख एमपी और एमएलए ने कार्टून को लेकर असहमति जताई थी और इस्तीफा देने की धमकी भी दी थी.
महाराष्ट्र विधान सभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और संपादक संजय राउत पर मामला दर्ज किए जाने की मांग की थी. राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा था कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में न सिर्फ शांति से आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों का मजाक उड़ाया गया है, बल्कि जो लाखों महिलाएं इस मोर्चे में शामिल हुई थी उनका और शहीदों का भी अपमान हुआ है.