संबंधों को मजबूत करते हुए भारत और रूस ने शुक्रवार को 19 समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिसमें तीन असैन्य परमाणु क्षेत्र में और दूसरा 29 मिग-29 विमानों की खरीदारी से संबंधित है.
इसके अलावा गोर्शकोव विमानवाहक पोत का पुनरीक्षित समझौता भी है. गोर्शकोव समझौता पिछले तीन वर्षों से रुका हुआ था. असैन्य परमाणु समझौता के अनुसार रूस 12 परमाणु संयंत्र बनाएगा जिनमें छह कुंडनकुलम में और छह पश्चिम बंगाल के हरीपुर में बनेगा. रूस के प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच दोनों देशों के संबंधों को और बढ़ावा देने के उद्देश्य से विस्तृत वार्ता हुई.
दोनों नेताओं ने आतंकवाद के परिप्रेक्ष्य में अफगानिस्तान और पाकिस्तान समेत क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार विमर्श भी किया. दोनों नेता क्षेत्र में आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने लिए राजी हुए. उन्होंने शांतिपूर्ण कार्यों के लिए असैन्य परमाणु क्षेत्र में एक करार पर दस्तखत किए. तमिलनाडु के कुडनकुलम में तीसरा और चौथा परमाणु संयंत्र के लिए एनपीसीआईएल और एटमस्टॉय एक्सपोर्ट के बीच एक सहमति पत्र पर भी दस्तखत किए गए.
पुतिन की यात्रा के दौरान विमानवाहक पोत गोर्शकोव पर पुनरीक्षित समझौते पर भी दस्तखत किए गए. दोनों पक्षों ने मिग-29 विमानवाहक विमानों की खरीद संबंधी एक समझौते पर भी दस्तखत किए. 1.5 अरब अमेरिकी डालर के इस समझौते के तहत रूस वर्ष 2012 से भारत को इन विमानों की आपूर्ति शुर कर देगा. ओएनजीसी और रूस के गेजप्रोम के बीच हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में एक समझौते पर दस्तखत किए गए.
इसरो और रूस की फेडरल स्पेस एजेंसी के बीच भी एक सहमति पत्र पर दस्तखत किए गए. उवर्रक के क्षेत्र में दो और हीरे के क्षेत्र में पांच समझौतों पर दस्तखत किए गए. पुतिन की भारत यात्रा के नतीजे को ‘बेहद ठोस’ बताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि रूस के साथ संबंध ‘हमारी विदेश नीति का एक मुख्य स्तंभ है और हम रूस का एक भरोसेमंद सामरिक साझेदार के रूप में सम्मान करते हैं. हमारे संबंधों का महत्व समय के साथ बढ़ा है.’ पुतिन ने कहा कई अन्य देशों की तरह रूस का पाकिस्तान के साथ कोई सैन्य सहयोग नहीं है क्योंकि आतंकवाद के संबंध में ‘हम अपने भारतीय दोस्तों की चिंताओं को ध्यान में रखते हैं.’