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पंजाबी फिल्म 'कौम दे हीरे' पर लगा बैन

पंजाबी फिल्म 'कौम दे हीरे' पर फिल्मी तरीके से बैन लग गया. फिल्म शुक्रवार 22 अगस्त को रिलीज होनी थी, लेकिन एकाएक इसपर सरकार ने रोक लगा दी है.

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पंजाबी फिल्म 'कौम दे हीरे' पर फिल्मी तरीके से बैन लग गया. फिल्म शुक्रवार 22 अगस्त को रिलीज होनी थी, लेकिन एकाएक इस पर सरकार ने रोक लगा दी है. इस फिल्म को सेंसेर बोर्ड के सीईओ को घूस देकर पास कराया गया था. लेकिन ऐन वक्त पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय से रेड सिग्नल मिल गया. गृहमंत्रालय के निर्देश के बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने यह कार्रवाई की.

गृह मंत्रालय भी तब हरकत में आया. जब खुफिया एजेंसियों ने फिल्म को लेकर सरकार को आगाह किया. सूत्रों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों ने साफ-साफ बता दिया कि फिल्म से हिंसा भड़कने की आशंका है. इसके बाद गृह मंत्रालय ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को चिट्ठी लिखी. पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि पंजाबी भाषा की फिल्म 'कौम दे हीरे' पंजाब और उत्तर भारत के राज्यों में सांप्रदायिक सौहार्द को प्रभावित कर सकती है.

रविवार को फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने गृह मंत्रालय में खुफिया एजेंसियों की फिल्म दिखाई थी. गौरतलब है कि यह फिल्म विदेशों में पहले ही रिलीज हो चुकी है. सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिलते ही आमतौर पर पंजाबी फिल्में भारत के अलावा उत्तरी अमरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में भी रिलीज होती हैं.

इन ऊहापोह के बीच सीबीआई के घेरे में सेंसर बोर्ड के सीईओ राकेश कुमार भी आ गए. खबर आई कि फिल्म 'कौम दे हीरे' पर भी उनकी मेहरबानी थी.

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एजेंटों के बयान के आधार पर सीबीआई सूत्रों ने बताया कि राकेश कुमार ने एक लाख रुपये घूस लेकर कुछ सीन्स पर कैंची चलाई और फिल्म को रिलीज की मंजूरी दे दी. इस फिल्म को हरी झंडी जून में ही मिली.

विवाद इसलिए भी बड़ा है क्योंकि पहले इस फिल्म को रिलीज की इजाजत नहीं मिली थी. पहली बार 28 फरवरी को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले फिल्म की रिलीज को रोका गया. दूसरी बार 14 मार्च को एक बार फिर से फिल्म की रिलीज पर बैन लगा.

कांग्रेस शुरू से ही फिल्म के खिलाफ आवाज बुलंद करती रही है. पंजाब युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह चौधरी ने बाकायदा प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर फिल्म पर रोक लगाने की मांग की. दूसरे दल भी कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते दिखे. यहां तक कि बीजेपी की ओर से भी पंजाब के मुख्यमंत्री से अपील की गई कि रिलीज से पहले फिल्म की सीडी परख ली जाए.

फिल्म में टाइटल से लेकर टॉपिक तक सबकुछ सॉकिंग है. फिल्म का टाइटल है...कौम दे हीरे यानी कौम के नायक. आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि कौम के ये नायक कोई और नहीं बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कातिल हैं.

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