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दाउद देने के बाद भी संबंध नहीं सुधरेंगे: मुशर्रफ

पूर्व पाकिस्‍तानी राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कहा कि मैं भारत और पाकिस्‍तान बीच शांति का पक्षधर हूं.  इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव का वीडियो देखें । विस्‍तृत कवरेज ।

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परवेज मुशर्रफ
परवेज मुशर्रफ

इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव-2009 में भाग लेने पहुंचे पूर्व पाकिस्‍तानी राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कहा कि मैं भारत और पाकिस्‍तान के लोगों की भलाई के लिए दोनों देशों के बीच शांति का पक्षधर हूं.

मुशर्रफ ने कहा कि वह आने वाली पीढि़यों की भलाई के लिए भी शांति के पक्षधर हैं ताकि आनेवाली नस्‍लें सुकून से रह सकें. दक्षिण एशिया में तरक्‍की होगी बशर्ते भारत पाक के रिश्‍ते ठीक रहें. उन्‍होंने यह भी कहा कि अलगाववादियों को हमें शांति की राह में दीवार खड़ा नहीं करने देना है.

उन्‍होंने यह भी कहा कि वो हमेशा ही अमन के पक्ष में रहे हैं और इसके लिए कोशिश करते रहे हैं कट्टरपंथ का राज नहीं चलना चाहिए. पाकिस्‍तानी आवाम अमन चाहती है लेकिन अमन का सम्‍मान होना चाहिए. मुशर्रफ ने कहा कि आगरा समिट नाकाम कर दिया गया वरना अमन कायम हो गया होता. उन्‍होंने कहा कि इन परिस्थियों के बीच अगर भारत आए हैं तो सिर्फ इसिलए कि वो कट्टरपंथियों को कामयाब नहीं होने देना चाहते हैं.

भारत में हो रहे आतंकी हमलों के विषय में पाकिस्‍तान का नाम लिए जाने के बाद मुशर्रफ ने कहा कि 2008 में भारत में 8 आतंकी हमले हुए जिनमें से 6 स्‍थानीय मुहाहिद्दीन ने किए. केवल आरोप लगाने भर से काम नहीं चलेगा. आतंकवाद को मारने के लिए अलगाववाद को मारना होगा. आलगाववाद एक सोच है इसलिए अलगाववादियों की सोच को बदलना होगा और यह एक लंबी चलने वाली प्रक्रिया है.

मुशर्रफ ने कहा कि इस प्रक्रिया के तहत हमें समझना होगा कि आखिर इसका कारण क्‍या है. इसके लिए दोनों देशों को मिलकर एक दूसरे पर भरोसा करते हुए इसका डटकर मुकाबला करना होगा.

अमर सिंह ने पूछा कि जब हमारे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लाहौर के लिए बस यात्रा करते हैं तो उसी समय कारगिल होता है. ऐसे में आप जो यहां शांति दूत बनकर आए हैं उस पर कैसे भरोसा किया जा सकता है. इस सवाल के जवाब में मुशर्रफ ने कहा कि ये सारे मुद्दे कश्‍मीर से जुड़े हैं और जबतक कश्‍मीर मुद्दे का समाधान नहीं होता तब तक और कारगिल हो सकते हैं. मुशर्रफ ने कहा कि सियाचीन भी इसी से जुड़ा मुद्दा है.

इंडियन एक्‍सप्रेस के समूह संपादक शेखर गुप्‍ता ने जब उनसे पूछा कि आपके और जनरल जियाउल हक के शासनकाल में किसकों महान समझा जाए तो उन्‍होंने कहा कि दोनों के शासन के समय की परिस्थितियां बिल्‍कुल अलग थीं. शेखर गुप्‍ता ने जब अलब्राइट ने पाकिस्‍तान को पूरी दुनिया के लिए सरदर्द बताया था और शेखर गुप्‍ता ने जब इस बात पर जनरल परवेज मुशर्रफ राय जाननी चाही तो मुशर्रफ ने कहा कि पाकिस्‍तान पिछले 30 वर्षों से परिस्थितियों से जुझते रहा है. ऐसे में परिस्थिति के अनुसार  सभी बयान देते हैं.{mospagebreak}मौलाना मदानी ने परवेज मुशर्रफ को कहा कि पाकिस्‍तान की आबादी से ज्‍यादा मुसलमान भारत में रहते हैं. उन्‍होंने कहा कि भारतीय मुसलमान अपनी समस्‍याओं का सामाधान कराने की ताकत रखता है इसलिए आपकी नसीहत की जरूरत नहीं है. भारत में 70 प्रतिशत से ज्‍यादा लोग मुसलमानों के साथ हैं इसलिए आप मुसलमानों को भड़काने की कोशिश नहीं करें. मदानी ने यह भी कहा कि आप पाकिस्‍तान की राजनीति भारत ले आए हैं.

फारूख अब्‍दुल्‍ला ने कहा कि हमें विश्‍वास पैदा करना है जो 60 साल से नहीं है. उन्‍होंने मुशर्रफ ने पूछा कि अफगानिस्‍तान में जो हो रहा है उसका असर पाकिस्‍तान पर पड़ेगा कि नहीं. और अगर पाकिस्‍तान पर उसका असर पड़ा तो क्‍या भारत इससे अछूता रहेगा. अब्‍दुल्‍ला ने कहा कि पहली बार लगा था कि कश्‍मीर मसले का हल निकलेगा जिसको भारत पाकिस्‍तान और जम्‍मू-कश्‍मीर की आवाम भी कबूल करेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान की संकटग्रस्‍त हालत भारत को भी मुसीबत में डालती है. इसलिए हम राजनीतिक, आर्थिक रूप से मजबूत पाकिस्‍तान चाहते हैं जिस से क्षेत्र में शांति बनी रहे. मुशर्रफ ने कहा कि अगर भारत और पाकिस्‍तान के बीच शांति स्‍थापित करने के‍ लिए कुछ कर सकता हूं तो जरूर करूंगा.

पूर्व भारतीय जनरल वीपी मलिक ने जब परवेज मुशर्रफ से पूछा कि क्‍या पाकिस्‍तान में जिस प्रकार के हालात बन रहे है उससे निपटने के लिए आर्मी पाकिस्‍तान में फिर से सत्ता संभाल सकती है. इसके जवाब में मुशर्रफ ने कहा कि यह पाकिस्‍तान का आंतरिक मामला है और मुझे नहीं लगता है कि ऐसा होगा.

इससे पहले मुशर्रफ का स्‍वागत इंडिया टुडे ग्रुप के एडीटर इन चीफ अरुण पुरी ने किया. अरुण पुरी ने मुशर्रफ के विषय में प्रतिनिधियों को बहुत सारी बातें बताई जो इंडिया टुडे में छपा था. अरुण पुरी ने प्रतिनिधियों को याद दिलाया कि कैसे पाकिस्‍तान में तख्‍तापलट से लेकर उसके बाद तक मुशर्रफ के शासनकाल के बारे में इंडिया टुडे के विभिन्‍न अंकों में उसे प्रकाशित किया गया.

अरुण पुरी ने लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के खिलाडि़यों पर हुए आतंकी हमले की भी चर्चा की और मुशर्रफ से पूछा कि वो लाहौर हमले के बाद की स्थितियों को किस तरह से देखते हैं. अरुण पुरी ने कहा कि आपने अपने 8 साल के शासनकाल में कई फैसले लिए लेकिन कई फैसलों में बड़ी चूक हुई.

सवाल जवाब के बाद कॉनक्‍लेव में आए सभी प्रतिनिधियों ने पूर्व पाकिस्‍तान जनरल परवेज मुशर्रफ के सम्‍मान में खड़े होकर तालियों से स्‍वागत किया. परवेज मुशर्रफ ने कहा कि आपके इस सम्‍मान के लिए कहने को मेरे पास कोई शब्‍द नहीं है. मैं आपलोगों का दिल से शुक्रिया करता हूं. मैं पूरी कोशिश करूंगा कि भारत और पाकिस्‍तान के बीच अमन बहाल हो.

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