जदयू नेता उपेन्द्र प्रसाद कुशवाहा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तानाशाह होने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने की घोषणा की.
पार्टी लाइन से हटकर डाला था वोट
बहुब्रांड खुदरा व्यापार के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर राज्यसभा में मतदान के दौरान पार्टी लाइन से हटकर एफडीआई के पक्ष में मतदान करने वाले कुशवाहा ने बिहार नवनिर्माण मंच द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश को तानाशाह बताया और राज्यसभा एवं पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने की घोषणा कर दी.
यूपीए की नीतियों का समर्थन नहीं
कुशवाहा ने स्पष्ट किया कि खुदरा व्यापार के क्षेत्र में सीधा विदेशी निवेश के मामले में उन्होंने यूपीए का समर्थन नहीं किया, क्योंकि वे व्यक्तिगत रूप से उनकी राय है कि बहुब्रांड खुदरा व्यापार के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नहीं होना चाहिए.
'उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे नीतीश'
कुशवाहा ने कहा ‘हमने नीतीश कुमार के तानाशाही तुगलकी फरमान का विरोध किया है, क्योंकि मायावती द्वारा इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने की बात किए जाने के बाद उनका एक मत उसके पक्ष में या विपक्ष में जाए इससे कोई फर्क नहीं पडने वाला था.’ कुशवाहा ने कहा कि नीतीश जी और उनकी सरकार से लोगों ने काफी उम्मीदें कर रखी थीं, पर वे जनता के उम्मीद पर खडे नहीं उतरे और उन्होंने लोगों के अरमानों को तोडने का काम किया तथा जेडीयू व सरकार में उन्हीं लोगों को शामिल करते रहे हैं, जिनके विरोध में जेडीयू का गठन किया गया था.