देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय पहुंचे. यहां प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह को संबोधित किया. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व राष्ट्रपति के संघ मुख्यालय में दिए भाषण को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों एक-दूसरे के लिए नसीहत बता रही हैं.
प्रणब मुखर्जी ने मोदी सरकार को राजधर्म की याद दिलाई: रणदीप सुरजेवाला
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'प्रणब मुखर्जी ने मोदी सरकार को राजधर्म की याद दिलाई. उन्होंने आरएसएस हेडक्वाटर में इस देश की खूबसूरती को बताया. प्रणब मुखर्जी ने पीएम मोदी को बताया कि राष्ट्रवाद क्या है. अरएसएस को सच्चाई का आईना दिखाने का ये प्रयास था.' हेडगेवार को भारत मां का सपूत बताने पर सुरजेवाला ने कहा, 'मेहमान के तौर पर प्रणब मुखर्जी ने जो बातें कहीं है उनपर चर्चा होनी चाहिए अनावश्यक औपचारिकताओं पर नहीं.'
आरएसएस-बीजेपी को प्रणब का भाषण समझने में अरसा लग जाएगा: पवन खेड़ा
पवन खेड़ा ने कहा, 'आरएसएस और बीजेपी को समझने में अरसा लग जाएगा कि आज प्रणब मुखर्जी ने साहब ने उन्हें आईना दिखाया. उस आईने में उन्हें अपना विभत्स चेहरा दिखाई देगा. संघ के कोने में पश्चाताप होगा कि हमने प्रणब मुखर्जी को क्यों बुलाया. प्रणब ने मुगलों का नाम लिया, अशोक का नाम लिया.'
प्रणब मुखर्जी ने राजा को सबक भी दिया: केसी त्यागी
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा, 'प्रणब मुखर्जी पूरे राष्ट्र के हैं. प्रणब मुखर्जी ने संवाद की परंपरा का कायम रखा. उन्होंने राजा को सबक भी दिया.'
प्रणब जी ने हमारे विचार से भाषण की शुरुआत की: सुधांशु त्रिवेदी
भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'प्रणब जी ने अपने भाषण की शुरुआत ही भारत को पहला राष्ट्र बताते हुए की. यही तो हमारा विचार है.'
प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस की विचारधारा को रखा: राशिद अल्वी
राशिद अल्वी ने कहा, प्रणब मुखर्जी ने जो भाषण दिया वो कांग्रेस की विचारधारा को वहां रखा है. उन्होंने कहा कि देश में जो डर पैदा हो रहा है वो नहीं होना चाहिए. शायद इससे बड़ी बात आरएसएस के कार्यक्रम में नहीं कही जा सकती.
RSS की विचारधारा अलग: कांग्रेस
कांग्रेस ने ट्वीट किया, सभी भारतीयों के लिए यह जानना जरूरी है कि आरएसएस ने ऐतिहासिक रूप से क्या खड़ा किया. भारत के लोगों को कभी नहीं भूलना चाहिए कि RSS की विचारधारा भारत के विचारधारा से उलट है.
It is imperative for all Indians to know what the RSS has historically stood for and to understand what it thinks today. People of India should never forget how antithetical their ideologies are to the idea of India.https://t.co/j3DoUsaftu
— Congress (@INCIndia) June 7, 2018
प्रणब दा की तस्वीरों ने ठेस पहुंचाई: आनंद शर्मा
वहीं, कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट में लिखा, 'आरएसएस मुख्यालय में प्रणब दा की तस्वीरों ने भारतीय गणतंत्र के आधारभूत मूल्यों, विविधता एवं बहुलतावाद में विश्वास करने वाले लोगों और कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ताओं को पीड़ा दी है.'
The images of Pranab Da, veteran leader and ideologue at RSS Headquarters have anguished millions of Congress workers and all those who believed in pluralism, diversity and the foundational values of the Indian Republic.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) June 7, 2018
प्रणब ने क्यों नहीं किया महात्मा गांधी की हत्या का जिक्रः येचुरी
RSS के मंच पर प्रणब दा के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए माकपा ने कहा कि अगर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संघ को उसका इतिहास याद दिलाते, तो अच्छा होता. इस दौरान भाकपा ने बहुलतावादी और समग्र समाज को असल भारत के रूप में उल्लेखित करने के लिए उनके भाषण की सराहना की.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या का अपने भाषण के दौरान जिक्र नहीं करने के लिए उनसे (प्रणब मुखर्जी) से सवाल किया. माकपा नेता ने ट्वीट किया कि मुखर्जी को आरएसएस को उसका इतिहास याद दिलाना चाहिए था.
वहीं, दूसरी ओर भाकपा ने मिलीजुली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका भाषण अपेक्षा के अनुरूप ही था. भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि हालांकि हमारा मानना है कि उन्हें आरएसएस के कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए था, लेकिन प्रणब दा ने अपने भाषण में जो कुछ कहा, उनसे उसी की उम्मीद थीं.
यह सिर्फ आरएसएस के बारे में नहीं: संजय झा
कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने ट्वीट किया, 'यह सिर्फ आरएसएस के बारे में नहीं है. यह वीएचपी, प्रवीण तोगड़िया के नफरत फैलाने वाले भाषणों और बजरंग दल की सोच के बारे में भी है.'
This is not just about the #RSS. It is also about VHP Praveen Togadia’s hate speeches and the virulence of Bajrang Dal. #PranabAtRSSEvent
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) June 7, 2018