आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जा रहे विवादित मौलाना तौकीर रजा खान ने एक और पार्टी बना ली है. तौकीर रजा ने लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के दिन बुधवार को हिंदुस्तान यूनाइटेड मूवमेंट नाम से अपनी पार्टी का ऐलान किया. दिलचस्प है कि तौकीर की इस पार्टी में भारतीय संत समिति के आचार्य प्रमोद कृष्णन भी साथ हैं. इन दोनों ने बीते मंगलवार को केजरीवाल से मुलाकात भी की थी.
रजा की पार्टी ने फैसला किया है कि वो लोकसभा चुनाव के लिए देशभर में अपने उम्मीदवार उतारेगी. लेकिन, अगर केजरीवाल बीजेपी के पीएम उम्मीदवार और गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो उस सीट से पार्टी अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी.
कृष्णम ने कहा, 'देश में दो तरह के भष्टाचार हैं- कमर्शियल और कम्यूनल. केजरीवाल ने कमर्शियल करप्शन का मसला उठाया है लेकिन कम्यूनल करप्शन के बारे में भी बात करने की जरूरत है. इसलिए हिंदुस्तान यूनाइटेड मूवमेंट का गठन किया गया.' ये वही कृष्णम हैं जिन्होंने पिछले साल आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार के खिलाफ धमकी देने का मामला दर्ज कराया था. तौकीर रजा और कृष्णम ने सपा और बसपा से भी अपील की है कि अगर केजरीवाल मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो उस सीट पर वो अपने उम्मीदवार न उतारें.
हालांकि, रजा पहले ही इत्तेहाद-ए-मिल्लत नाम की एक पार्टी चलाते हैं जो यूपी की अखिलेश सरकार का हिस्सा थी. रजा को यूपी सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था. उन्हें हथकरघा और वस्त्रोद्योग के सलाहकार का पद दिया गया था. लेकिन, मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के बाद तौकीर रजा ने सपा सरकार से नाता तोड़ लिया था.
तौकिर रजा पर 2010 में बरेली में दंगा भड़काने का आरोप लगा था और उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी. इनके जेल से निकलते ही बरेली में फिर से दंगे हुए थे. रजा कभी जॉर्ज बुश और तसलीमा नसरीन के खिलाफ फतवा जारी करने को लेकर भी काफी विवादों मे रहे हैं.